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टोक्यो ओलंपिक : मुक्केबाजी में भारतीयों की उम्मीद जिंदा, लवलीना पदक से एक कदम दूर

टोक्यो। भारतीय महिला मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन ओलंपिक पदक से मात्र एक कदम दूर हैं। लवलीना ने 69 किलोग्राम वर्ग में जर्मनी की नेदिन एपेट्ज को 3-2 से हराकर अंतिम आठ में प्रवेश किया। सेमीफाइनल में प्रवेश करते ही उनका कम से कम कांस्य पदक पक्का हो जाएगा।

पहला राउंड लवलीना के नाम रहा। उन्होंने स्पिल्ट फैसले से पहला राउंड जीता। लवलीना ने अपनी विरोधी खिलाड़ी को संभलने का कोई मौका नहीं दिया। अपने धारदार मुक्कों से नेदिन पर जबरदस्त प्रहार किया। वे शुरुआत से आक्रामक होकर खेल रही थीं। लगातार तीन राउंड जीतकर मैच को अपनी तरफ मोड़ दिया।

लवलीना ने असम के एक छोटे से गांव से ओलंपिक तक का सफर तय किया है। लवलीना बोरगोहेन असम के गोलाघाट जिले में पड़ने वाली सरुपथर विधानसभा क्षेत्र के छोटे से गांव बरोमुखिया की रहने वाली हैं। उनके गांव में महज 2 हजार की आबादी है।

दो बार विश्व चैम्पियनशिप में पदक जीत चुकीं लवलीना असम की पहली मुक्केबाज हैं जिन्होंने ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई किया है।

लवलीना ने मैच जीतकर देशवासियों की उम्मीद बरकरार रखी है। उन्होंने अंतिम आठ में जगह बना ली है। वे पदक से बस एक कदम दूर हैं।

उन्होंने अपने धैर्य और समझदारी से मैच को अपनी तरफ मोड़ दिया। लवलीना महान मुक्केबाज मोहम्मद अली को अपना आदर्श मानती हैं।