शाहजहांपुर। यौन शोषण और रंगदारी के मामले में एसआईटी की जांच आगे बढ़ने के साथ ही पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पीड़ित छात्रा पहले ही एसआईटी को साक्ष्य के तौर पर वीडियो रिकॉर्डिंग सौंप चुकी है। सोमवार को एसआईटी ने पीड़ित लड़की के कलमबंद बयान न्यायिक मजिस्टेट प्रथम गीतिका सिंह के समक्ष दर्ज करवाये। इस दौरान न्यायालय परिसर छावनी में तब्दील रहा। न्यायालय के बाहर भी कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के इंतजाम किए गए थे।
इस दौरान पीड़ित लड़की करीब 4 घंटे न्यायालय के कक्ष में मौजूद रही। सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज किये गए लड़की के बयानों को सबूत के तौर पर माना जाएगा। एसआईटी अपनी जांच में भी इस बयान को शामिल करेगी। बयान दर्ज होने के बाद कोर्ट के आदेश पर स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ पुलिस दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कर सकती है। इसके बाद उनकी गिरफ्तारी की भी आशंका है। इससे पहले एसआईटी इस मामले में लड़की व उसके दोस्तों, स्वामी चिन्मयानंद व उनके आश्रम के कर्मचारियों और दोनों कॉलेजों के टीचिंग स्टाफ व प्रिंसिपल तथा संजय आदि से भी पूछताछ कर चुकी है।
पूछताछ का दौर पिछले 1 हफ्ते से चल रहा है जिसमें स्वामी चिन्मयानंद के मुमुक्ष आश्रम और गेस्ट हाउस समेत उनके बेडरूम की भी जांच की जा रही है। 23 सितम्बर को हाईकोर्ट के सामने स्टेटस रिपोर्ट सौंपने से पहले एसआईटी हर पहलू पर गहनता जांच कर रही है ताकि कोई कमी न रह जाये और जिस कारण उसे सुप्रीम कोर्ट की फटकार न खानी पड़े। इस प्रकरण में विधि छात्रा के पिता का आरोप है कि एसआईटी ने उनकी बेटी द्वारा दी गई वीडियो रिकॉर्डिंग में से फुटेज लीक कर दी है। ऐसा कृत्य एक साजिश के तहत किया गया है और मैं सर्वोच्च न्यायालय से इस मामले की जांच का अनुरोध करूंगा।’ दूसरी तरफ उन्होंने एसआईटी पर पूरा भरोसा जताया है।