सावन का महीना हो और महिलाओं की बात न हो यह अटपटा सा लगता है. सावन में महिलाएं विशेष तौर पर साज-ऋगार करती हैं. सावन में महिलाओं के लिये हरे रंग का विशेष महत्व होता है. सावन का महीना प्रकृति की सौन्दर्य का महीना होता है. शास्त्रों में महिलाओं को भी प्रकृति का रूप माना गया है. इस मौसम में बरसात की बूंदों की प्रकृति खिल उठती है और हर तरफ हरियाली छाई रहती है.
आइए जानतें है सावन में हरे रंग के महत्व के बारे में…
हरे रंग का महत्व
- सावन के महीने में महिलाएं हरे रंग की चूड़िया पहनती हैं और घर को हरे रंग से सजाती हैं.
- इस पूरे महीने लोग हरे कपड़े ज्यादा पहनना पसंद करते हैं. कुछ लोगों का मानना है कि हरे रंग को पहनने से भगवान शिव खुश होते हैं, इसलिए इस रंग को सावन की महीने में पहनना जरूरी है. धार्मिक मान्यता है कि इस महीने में हरे रंग के उपयोग से भाग्य प्रभावित होता है.
- धार्मिक मान्यता के मुताबिक, सावन के आते ही जगह-जगह हरियाली आती है. हरियाली न सिर्फ आंखों को खुश करती हैं बल्कि मन को भी प्रभावित करती हैं. ऐसे में खुद को प्रकृति से जोड़ने के लिए महिलाएं हरे रंग का इस्तेमाल करती हैं
- शास्त्रों में भी प्रकृति को ईश्वर से जोड़कर देखा गया है. कहा जाता है कि जो शख्स प्रकृति की पूजा करता है, उससे देवता कभी भी नाराज नहीं होते हैं. इस पूरे महीने हरा पहनने वालों पर प्रकृति की विशेष की कृपा होती है. महिलाएं हरें रंग की चूड़ियों को प्रकृति और सुहाग दोनों से जोड़कर देखती हैं. शास्त्रानुसार सावन के महीने में हरे रंग की चूड़िया पहनने से शिव सुहाग का आशीर्वाद देते हैं.
- ज्योतिष के मुताबिक, हरा रंग बुध ग्रह का प्रतीक होता है और बुध को करियर और व्यापार से जुड़ा हुआ माना जाता है. कहा जाता है कि बुध को प्रसन्न करने के लिए हरे रंग का धारण अति-आवश्यक है.