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काशी में कान्हा के जन्मोत्सव की तैयारियां तेज, 23 और 24 को मनाई जाएगी जन्माष्टमी

वाराणसी। बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में नटखट कान्हा के जन्मोत्सव (श्रीकृष्ण जन्माष्टमी) की तैयारियां मंदिरों और घरों में शुरू हो गई हैं। मंदिरों और घरों में साफ-सफाई के साथ सजावट के सामानों की खरीददारी भी शुरू हो गई हैं।

दुर्गाकुंड स्थित इस्कान मंदिर, गोपाल मंदिर, स्वामी नारायण मंदिर व सिगरा स्थित हरे रामा, हरे कृष्णा संकीर्तन सोसाइटी में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की तैयारी चल रही हैं। बाजारों में भगवान कृष्ण और राधा की खूबसूरत छोटी-छोटी मूर्तियों के साथ उनके खूबसूरत परिधान लोगों में आकर्षण के केन्द्र बन गये हैं। चांदी और लकड़ी के छोटे-छोटे झूलों, खिलौनों के साथ पगड़ी और मोर, मुकुट की अस्थाई दुकानें भी लोगों को अपनी ओर खींच रही हैं। झूले वाले कान्हा की मांग भी कम नहीं है। इसके साथ ही राधा-कृष्ण के वस्त्र आभूषणों में मोर मुकुट की विशेष मांग है। पर्व को लेकर बच्चों और युवाओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा हैं। कान्हा की झांकी सजाने के लिए बच्चे सजावट की चीजें खरीदते नजर आ रहे हैं।

भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी, रोहिणी नक्षत्र में अर्धरात्रि को हुआ था। अष्टमी तिथि 23 अगस्त को भोर में 3.16 बजे लग रही है जो 24 अगस्त की भोर 3.18 बजे तक रहेगी। रोहिणी नक्षत्र 24 की रात 12.11 बजे लग रहा है जो 25 की रात 12.28 बजे तक रहेगा। ऐसे में जन्माष्टमी 23 और 24 अगस्त को मनाई जायेगी।