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भारत की पहली समलैंगिक वेडिंग फ़ोटोग्राफ़र से मिलिए

 

 

भारत की मशहूर ‘वेडिंग फोटोग्राफ़र’ मोनिशा अजगावकर की गिनती देश के बेहतरीन फोटोग्राफर में होती है। खास बात तो ये है कि मोनिशा समलैंगिक हैं, इसके चलते वो देश की पहली समलैंगिक फोटोग्राफर बन गई हैं।

मुंबई में पली बढ़ी 30 की मोनिशा अजगावकर ‘द फोटो डायरी’ नाम की एक फर्म चलाती हैं, जो कमर्शियल और शादी की फोटोग्राफी में माहिर है। इसके अलावा वो एक LGBTQ एक्टिविस्ट भी हैं। मोनिशा ने अपनी प्रतिभा का उपयोग करते हुए कई परियोजनाओं पर काम किया जो भारत में समलैंगिक समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियों को दिखाता है

लव मैटर्स इंडिया नाम की एक सीरीज में समलैंगिक जोड़े का ये खास फोटो मोनिशा अजगांवकर ने शूट किया था। उनके लिए ये फोटो बेहद खास है।

मोनिशा ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘मेरा काम तो अच्छा था पर फिर भी सालों तक मेरे पास कोई काम नहीं था। वो इसलिए क्योंकि लोगों को एक समलैंगिक फोटोग्राफर के साथ समस्या थी। मेरे कपड़े पहनने का तरीका उन्हें परेशान करता था। जाहिर है, कोई भी अपनी शादी में एक फंकी सलैंगिक फोटोग्राफर नहीं चाहता था।’

मोनिशा अजगावकर आज भले ही भारत में पली बढ़ी हों पर प्यार और बेहतर ज़िंदगी के लिए वो कनाडा शिफ्ट होना चाहती हैं। वो शादी करना चाहती हैं।

उनका कहना है, ‘मैं कभी भी भारत में एक बच्चे की परवरिश नहीं करना चाहूंगा, भले ही शादी और LGBTQ समुदाय के लिए गोद लेने को कानूनी बना दिया जाए। मैं जो चाहती हूं वो सम्मान है।’

समलैंगिकता एक ऐसा मुद्दा है जो मानव सभ्यता के शुरूआती काल से ही अस्तित्व में रहा है। सुप्रीम कोर्ट के समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के बाद भारत अब उन 125 देशों के साथ जुड़ गया, जहां समलैंगिकता वैध है। लेकिन हालात में अभी भी खास सुधार नहीं है। लोग आज भी समलैंगिक रिशतों को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं।

धारा 377 के तहत 158 साल पुराने इस औपनिवेशिक कानून के संबंधित हिस्से को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया और कहा कि ये समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है।