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सेनेटरी पैड पर सर्वोच्च न्यायालय का आदेश स्वागत योग्य : स्वाती सिंह

-पूर्व मंत्री ने कहा, महिला स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने के लिए सेनेटरी पैड के प्रति जागरूक करना जरूरी

लखनऊ, 11 अप्रैल। उत्तर प्रदेश सरकार की पूर्व महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री स्वाती सिंह ने बालिकाओं के स्वास्थ्य सुरक्षा पर आये सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है। स्कूलों में मुफ्त सेनेटरी पैड वितरित किये जाने के आदेश पर स्वाती सिंह ने कहा कि हम बहुत पहले से ही इस पर जोर देते आए हैं। हमने इसी के तहत अपने स्वाती फाउंडेशन के माध्यम से लखनऊ महानगर में कई जगहों पर मुफ्त सेनेटरी पैड का एटीएम लगवाया है।

स्वाती सिंह ने कहा कि सरोजनीनगर के 100 से अधिक स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से हर माह सेनेटरी पैड वितरण के साथ ही महिलाओं और बच्चियों में सेनेटरी पैड के प्रति जागरूक करने का भी काम किया जाता है। उन्होंने कहा कि मंत्री रहते हुए भी सेनेटरी पैड पर विशेष जोर दिया और इसके प्रति महिलाओं को जागरूक करने का काम किया। वह आज भी निरंतर जारी है। उन्होंने कहा कि महिलाओं में यदि सेनेटरी पैड के प्रति जागरूकता आ जाय तो उनमें होने वाले कैंसर की दर को आधे से भी अधिक कम किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले से सजग हैं। केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं से बहुत हद तक महिलाओं में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता आयी है, लेकिन अभी और जागरूक करने की जरूरत है।

स्वाती सिंह ने कहा कि सेनेटरी पैड के बारे में हर घर में चर्चा होनी चाहिए। मासिक धर्म प्रकृति की देन है। इसके बारे में शर्म के कारण महिलाएं इसका नाम लेने से बचती हैं, जिससे मासिक धर्म के समय वह पुराने कपड़े आदि का प्रयोग करती हैं। इससे तमाम तरह के संक्रमण होते हैं और बाद में वह कैंसर का रूप ले लेता है। इसके प्रति हम सभी का दायित्व है कि आगे बढ़कर महिलाओं को जागरूक करें।

यह बता दें कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने देश में बालिकाओं की स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी स्कूलों और शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाली छात्राओं को मुफ्त सेनेटरी पैड मुहैया कराने का आदेश जारी किया। कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि देश की सभी राज्य सरकारों को छात्राओं की सुरक्षा और स्वच्छता का पुख्ता इंतजाम करना होगा।