दो बार के ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार आज 35 वर्ष के हो गए.भारतीय कुश्ती के आइकन और राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार ने शनिवार को अपना जन्मदिन छत्रसाल स्टेडियम में विभिन्न खेलों के बच्चों और अपने गुरु महाबली सतपाल के साथ मनाया.
ओलंपिक में 2पदक जीतने वाले खिलाड़ी
भारतीय कुश्ती के आइकन और राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार ने शनिवार को अपना जन्मदिन छत्रसाल स्टेडियम में विभिन्न खेलों के बच्चों और अपने गुरु महाबली सतपाल के साथ मनाया. 26मई 1983 को पहलवान सुशील का जन्म हुआ था. 2008 के बीजिंग ओलंपिक हो या 2018 के राष्ट्रमंडल खेल. पूरे 10साल बाद भी वही तेवर, जुनून और जोश इस खिलाड़ी को दूसरों से अलग कर देता है. जीवन में अच्छे और बुरे दौरों में जो खिलाड़ी उभर जाता है औऱ अपने खेल को बचाए रखता है. वह खिलाड़ी बिरला ही होता है.
2008 में जीता था पदक
साल 2008 में चीन के बीजिंग में ओलंपिक खेलों का आयोजन हुआ था. यहां बेहतरीन खेल का प्रदर्शन करते हुए सुशील कुमार ने बीजिंग में कांस्य पदक जीता था. किताब ‘माई ओलिंपिक जर्नी’ में सुशील कुमार बताते हैं कि पदक जीतने के बाद भी उन्हें अंदाज़ा नहीं था कि उन्होंने क्या कमाल कर दिखाया.
लोगों ने दी थी सन्यास की सलाह
जब वो अपने शुभचिंतकों से मिले तो उन्होंने सुशील को संन्यास लेने की सलाह दी. सुशील ने बताया कि इन सलाहों से वो दुविधा में पड़ गए. लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी .पदक जीतने के बाद भी वो अपनी प्रैक्टिस में जुटे रहे और अगले ओलंपिक में वो किया जो आज तक किसी ने नहीं किया.
ख़त्म हुआ 56 साल का सूखा
ओलंपिक खेलों में भारत को पहला पदक दिलाने का श्रेय दादा साहेब जाधव को जाता है. उन्होंने साल 1952 के समर ओलंपिक में कांस्य पदक अपने नाम किया था.जाधव के बाद 56 सालों तक कोई भी खिलाड़ी ऐसा नहीं हुआ, जो इस करिश्मे को दोहरा पाया हो. 2008 में सुशील कुमार ही वो खिलाड़ी थे, जो न सिर्फ कांस्य पदक जीते बल्कि उन्होंने अगले लंदन ओलंपिक में अपने कांस्य के पदक को सिल्वर में बदला. कुश्ती में 2 ओलंपिक पदक जीतने वाले वो इकलौते भारतीय खिलाड़ी हैं.