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अयोध्या मामला : 26वें दिन की सुनवाई पूरी, नवम्बर में आएगा फैसला

 

 

नई दिल्ली अयोध्या मामले पर बुधवार को 26वें दिन की सुनवाई पूरी हो गई। मुस्लिम पक्ष की ओर से वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने अपनी दलीलें पेश की। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में इमारत के बाहर बने चबूतरा को ही मुख्य मंदिर बता रहे मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन से पूछा कि 1855 के बाद इमारत और चबूतरा के बीच रेलिंग लगी है। लोग तब भी रेलिंग के पास जाकर पूजा करते थे? क्या उन्हें विश्वास था कि देवता की मुख्य जगह उस तरफ है? इस पर धवन ने कहा कि कह नहीं सकता।

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि मध्यस्थता को लेकर सुप्रीम कोर्ट को पत्र मिला है। अगर पक्ष आपसी बातचीत कर मसले का समझौता करना चाहते है तो वे मध्यस्थता कर कोर्ट के समक्ष रखें। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष मध्यस्थता कर सकते हैं, लेकिन उसके लिए सुनवाई नहीं रोकी जा सकती। क्योंकि इस मामले की सुनवाई बहुत आगे बढ़ चुकी है।
बुधवार को कोर्ट ने सभी पक्षों से कहा कि वे 18 अक्टूबर तक जिरह पूरी करने का प्रयास करें। ज़रूरत पड़ी तो हम रोज़ाना एक घंटा अतिरिक्त सुनवाई करेंगे या शनिवार को भी सुनवाई करेंगे। सुन्नी वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वो अगले हफ्ते के अंत तक बहस पूरी कर लेंगे। रामलला पक्ष उसका दो दिन जवाब देगा। निर्मोही अखाड़े ने जवाब का समय नहीं बताया है। उनकी बातों का सुन्नी बोर्ड फिर एक से डेढ़ दिन जवाब देगा। इन तर्कों से लगता है कि सुप्रीम कोर्ट नवम्बर तक इस मामले का फैसला सुना सकता है।

सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि 1856 में जब रेलिंग बनाई गई, उस समय राम चबूतरा रेलिंग के पास क्यों रखा गया, लोग तब भी रेलिंग के पास जाकर पूजा करते थे, क्या उन्हें विश्वास था कि देवता की मुख्य जगह उस तरफ है? धवन ने कहा कि मुझको नहीं मालूम कि वह रेलिंग के पास क्यों जाते थे। धवन ने कहा कि 19वीं सदी के गज़ेटियर और भारत आने वाले यात्रियों के अलावा और कोई सबूत नहीं है कि वहां पर सिर्फ जन्मस्थान था, धवन ने कहा कि दलील बिल्कुल सही है कि 1885 से पहले से यात्रियों का कोई महत्व नहीं है।

राजीव धवन ने कहा कि 1949 से पहले विवादित ढांचे के अंदर मूर्ति नहीं थी। अंदर पूजा भी नहीं होती थी। वहां पूजा के लिए कोई जगह नहीं थी। जस्टिस चन्द्रचूड़ ने पूछा कि मस्जिद के गर्भगृह से राम चबूतरे के बीच की दूरी कितनी है? जस्टिस बोबडे ने कहा कि उसकी दूरी 40 फीट है।