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चन्द्रयान-2 : विक्रम लैंडर से संपर्क की उम्मीद हो रही कमजोर, इसरो ने देशवासियों को कहा शुक्रिया

 

 

नई दिल्ली। चांद पर घर गहराती शाम के चलते अब भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने भी विक्रम लैंडर से जुड़ पाने की उम्मीद लगभग खो दी है। शायद इसीलिए इसरो ने अब चंद्रयान-2 मिशन में लैंडर विक्रम से संपर्क टूटने के बाद भी साथ देने के लिए देशवासियों के प्रति आभार जताया है। इसरो ने ट्वीट करके कहा, ‘हमारा साथ देने के लिए धन्यवाद। दुनिया भर में भारतीयों की उम्मीदों और सपनों के बल पर हम आगे बढ़ना जारी रखेंगे। हमें हमेशा आसमान छूने के लिए प्रेरित करने के लिए धन्यवाद।’

सात सितम्बर को जिस समय चांद पर विक्रम लैंडर की हार्ड लैंडिंग हुई थी, उस समय चंद्रमा की सतह पर सूरज की रोशनी पड़नी शुरू हुई थी। इस तरह 15 दिनों तक वहां उजाला रहने के बाद अब चांद पर शाम का धुंधलका छाने लगा है। चंद्रमा की सतह पर सूरज की रोशनी वाला समय पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है। यानी चांद पर 15 दिन उजाला और 15 दिन अंधेरा रहता है।

चंद्रयान-2 के साथ 14 दिन काम करने का मिशन लेकर गए विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर का टाइम 21 सितम्बर को पूरा हो जाएगा। इस एक पखवाड़े में मिशन पूरा करके इन्हें चांद की सतह पर ही निष्क्रिय हो जाना था। यानी जितने दिन विक्रम लैंडर को चांद पर सक्रिय रहना था, उतने दिन वहां उजाला ही रहना था लेकिन हार्ड लैंडिंग की वजह से उलटे गिरे विक्रम लैंडर को इस बीच न ही सीधा किया जा सका और न ही उससे नासा या इसरो का कोई संपर्क हो सका। एक तरह से देखा जाए तो 20-21 सितम्बर को चांद पर होने वाली रात के पहले शाम का वक्त शुरू हो चुका है। चांद पर 20-21 सितम्बर को होने वाली रात में अब कुछ ही वक्त बचा है। यानी, चांद पर शाम हो चुकी है। चांद पर रात का अंधेरा छाने के बाद चंद्रयान-2 का विक्रम लैंडर से संपर्क कर पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होगा क्योंकि दो दिन बाद पूरी तरह रात होने के बाद चंद्रमा पर पड़ा विक्रम लैंडर बिलकुल दिखना बंद हो जायेगा। रात होने के 15 दिन बाद चंद्रमा पर जब फिर उजाला होगा, तब तक विक्रम लैंडर निष्क्रिय हो चुका होगा और इसी के साथ भारत का मिशन चंद्रयान-2 भी खत्म हो जाएगा।

शायद इसीलिए इसरो ने अब चंद्रयान-2 मिशन को ख़त्म मानकर देशवासियों के प्रति आभार जताया है। इसरो ने ट्वीट करके कहा, ‘हमारा साथ देने के लिए धन्यवाद। दुनिया भर में भारतीयों की उम्मीदों और सपनों के बल पर हम आगे बढ़ना जारी रखेंगे। हमें हमेशा आसमान छूने के लिए प्रेरित करने के लिए धन्यवाद।’