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केरल के नए राज्यपाल बनाए गए आरिफ मोहम्मद खान, कभी राजीव गांधी के खिलाफ इस मामले को लेकर खोला था मोर्चा

तिरुवनंतपुरम। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में जन्मे आरिफ मोहम्मद खान को केरल राज्य का नया राज्यपाल बनाया गया है। आरिफ का जन्म 1951 में हुआ था, उनका परिवार बाराबस्ती से ताल्लुक रखता है। आरिफ मोहम्मद खान ने दिल्ली के जामिया मीलिया स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की है। इसके बाद वह अलीगढ़ मुस्लिम यूनिर्सिटी में भी पढ़े और लखनऊ के शिया कॉलेज से अपनी उच्च शिक्षा हासिल की।

बताते चलें कि आरिफ अपने छात्र जीवन से राजनीति से जुड़ गए थे। उन्होंने सबसे पहले भारतीय क्रांति दल नाम की एक स्थानीय पार्टी के टिकट पर पहली बार बुलंदशहर की सियाना सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि वह इस चुनाव में हार गए थे। इसक बाद वह फिर से 26 साल की उम्र में 1977 में पहली बार विधायक चुने गए।

उन्होंने विधायक बनने के बाद कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली और 1980 में कानपुर से और 1984 में बहराइच से लोकसभा चुनाव जीता और संसद पहुंचे। इसी दशक में शाह बानो केस भी चल रहा था। खान मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों के जबरदस्त समर्थन में मुसलमानों की प्रगतिशीलता की वकालत कर रहे थे। हालांकि राजनीति और मुस्लिम समाज का एक बड़ा वर्ग इन विचारों के विरोध में दिख रहा था।

उन्होंने 1986 में शाह बानो केस में राजीव गांधी और कांग्रेस के स्टैंड से नाराज होकर पार्टी की सदस्यता और मंत्री पद भी छोड़ दिया था। इसके बाद उन्होंने जनता दल का हाथ थामा और 1989 में वह फिर से सांसद चुने गए। हालांकि उन्होंने बाद में बहुजन समाज पार्टी का दामन थामा। बसपा के टिकट पर उन्होंने 1998 में फिर से चुनाव जीता और संसद पहुंचे। 2004 में उन्होंने भाजपा ज्वाइन की हालांकि उन्होंने 2007 में भाजपा छोड़ दी। उन्होंने 2014 में मोदी सरकार के केंद्र में आने के बाद तीन तलाक पर कानून बनाए जाने को लेकर प्रक्रिया में अहम भूमिका भी निभाई थी।