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कैबिनेट की बैठक में 12 प्रस्तावों को मिली मंजूरी, लाटरी प्रक्रिया खत्म

लखनऊ। लोकभवन में आज कैबिनेट की बैठक में 12 प्रस्तावों को मंजूरी मिली। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना भी शुरू होगी। इससे पारंपरिक हस्तशिल्पियों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे और अपनी आजीविका सुगमता से चला सकेंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लोकभवन में संपन्न हुई कैबिनेट की बैठक में उत्तर प्रदेश जल संभरण तथा सीवर व्यवस्था अधिनियम, 1975 की धारा सात की उपधारा तीन को निकाले जाने के प्रस्तावित संशोधन को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही जल निगम के चेयरमैन का पद लाभ का पद हो जाएगा और उसे निगम के प्रबंधकीय व्यवस्था को नियंत्रित करने का भी अधिकार होगा। इस पद को आजम खां ने 2007 में गैर लाभ का पद मानते हुए निगम के प्रबंधकीय व्यवस्था पर उसके नियंत्रण को समाप्त कर दिया था। कैबिनेट मंजूरी के बाद सरकार विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना शुरू करने जा रही है। इस योजना के पारंपरिक स्वरोजगारियों एवं हस्तशिल्पियों को अधिक से अधिक स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे और अपनी आजीविका सुगमता से चला सकेंगे। इस योजना में पारंपरिक कारीगरों एवं दस्तकारों को उद्यम के आधार पर कौशल वृद्धि के लिए छह दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम निश्शुल्क और आवासीय होगा। प्रशिक्षण तहसील और जिला मुख्यालय पर होगा। इस अवधि में प्रशिक्षणार्थियों को श्रम विभाग द्वारा समय-समय पर निर्धारित अर्द्धकुशल मजदूरी दर के समान मानदेय प्रदान किया जाएगा। उनके खाने-पीने की भी निश्शुल्क व्यवस्था होगी। प्रशिक्षण के उपरांत प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र सहित ट्रेड वार उन्नत किस्म की टूल किट दी जाएगी। इस योजना में अभ्यर्थियों द्वारा ऑन लाइन आवेदन किया जा सकेगा। इसकी व्यवस्था आयुक्त एवं निदेशक उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन द्वारा कराई जाएगी। इस प्रशिक्षण में परांपरागत कारीगरों को आधुनिक तकनीक पर आधारित उन्नत किस्म के टूल किट दिए जाएंगे और वित्तीय समस्या के समाधान के लिए मार्जिन मनी ऋण की भी व्यवस्था होगी।

कैबिनेट ने शहरी गरीबों के लिए अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों तथा नगरीय मलिन बस्तियों में संचालित आसरा योजना के अन्तर्गत लाभार्थी चयन और आवास आवंटन की प्रक्रिया में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके तहत बिना लाटरी के सीधे मकान आवंटित किया जा सकेगा। शहरी गरीबों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2012-2013 से अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों तथा नगरीय मलिन बस्तियों में आसरा योजना प्रारंभ की गई है। इस योजना के अन्तर्गत आवासों का निर्माण एवं आवंटन संबंधी 16 जनवरी 2013 के शासनादेश में संशोधन करते हुए लाटरी प्रक्रिया की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। इस योजना में लाभार्थी चयन के मानकों का उल्लेख है। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में निवासरत ऐसे व्यक्ति और परिवार को भी शामिल किया जाना प्रस्तावित है जो शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन के बाद आवासहीन हो रहे हैं। ऐसे व्यक्ति या परिवार का सत्यापन संबंधित जिले के डीएम द्वारा कराया जाएगा।

कैबिनेट ने अटल नवीकरण और शहरी रुपांतरण मिशन के अन्तर्गत सैप वर्ष 2017-20 योजना में नगर पालिका परिषद जौनपुर सीवरेज योजना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अमृत योजना के तहत नगर पालिका परिषद जौनपुर सीवरेज योजना से संबंधित परियोजना के लिए व्यय वित्त समिति ने 264 करोड़ 76 लाख रुपये के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। इसमें केंद्र सरकार, राज्य सरकार और नगर पालिका परिषद की अलग-अलग हिस्सेदारी है। सेंटेज की समस्त धनराशि का वहन राज्य सरकार करेगी। इस परियोजना के लागू होने से नगर पालिका परिषद जौनपुर के नागरिकों को सीवरेज सुविधा उपलब्ध होगी और गोमती नदी को प्रदूषण से बचाने में भी सहूलियत मिलेगी।