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35साल : वर्ल्डकप जीतने के बाद टीम इंडिया ने उधार की शैंपेन से मनाया था जश्न

भारतीय क्रिकेट टीम को विश्व कप का पहला खिताब जीते हुए आज 35 साल हो गए हैं. बात उन दिनों की है जब क्रिकेट में विश्व चैम्पियन वेस्टइंडीज की टीम का जलवा हुआ करता था और लगातार तीसरी बार विश्व कप का आयोजन इंग्लैंड में किया जा रहा था. भारतीय टीम को कहीं भी खिताब का दावेदार नहीं माना जा रहा था पर भारतीय टीम ने 25 जून 1983 को विश्वकप जीत कर क्रिकेट जैसे खेल की दिशा ही बदल दी.

आज के ही दिन भारत को मिली थी ऐतिहासिक जीत

1983 में खेले गए विश्व कप में 4-4 टीमों के दो ग्रुप बनाए गए थे. ग्रुप ए में इंग्लैंड, पाकिस्तान, न्यूज़ीलैंड और श्रीलंका की टीमें शामिल थीं तो ग्रुप बी में वेस्टइंडीज, भारत, ऑस्ट्रेलिया और ज़िम्बाब्वे की टीम को रखा गया था. ग्रुप ए में इंग्लैंड की टीम ने अपना दम दिखाते हुए पाकिस्तान और श्रीलंका की टीमों को दो-दो बार हराया और पाकिस्तान के साथ सेमी फाइनल में जगह मिली.

दो बार विश्वकप जीती वेस्टइंडीज को हराकर वर्ल्डकप जीती इंडिया

जी हां आज ही के दिन 35 साल पहले 1983 में भारतीय क्रिकेट टीम ने पहला विश्व कप जीता था. कपिल देव की कप्तानी वाली टीम ने फाइनल मुकाबले में वेस्टइंडीज को हराकर पहली बार विश्व विजेता बनने का गौरव हासिल किया था. उस ऐतिहासिक जीत के बाद टीम इंडिया ने अपने ड्रेसिंग रूम में जमकर जश्न मनाया था, चलिए आपसे भी उससे जुड़ी कुछ मजेदार यादों को शेयर करते हैं.

उधार की शैंपेन से मनाया जश्न 

टीम इंडिया के कप्तान कपिल देव ने वर्ल्ड कप फाइनल जीतने के बाद वेस्टइंडीज के ड्रेसिंग रूम में सभी खिलाड़ियों से हाथ मिलाने पहुंचे. उस कमरे में सन्नाटा पसरा हुआ था. उन्हें वहां शैम्पेन की बोतलें दिखाई दे रही थीं. भारत को 183 में समेटने के बाद वेस्टइंडीज ने अपनी जीत सुनिश्चित मानते हुए ढेर सारी शैम्पेन मंगवा ली थी. जो उनकी हार के बाद किसी काम की नहीं थी.

कपिल देव ने लॉयड से पूछा, ‘क्या मैं शैम्पेन की कुछ बोतलें ले जा सकता हूं? हमने एक भी नहीं मंगवाई है’. क्लाइव ने कपिल को बस इशारा भर किया और जाकर एक कोने में बैठ गए. कपिल और मोहिंदर अमरनाथ ने बोतलें उठाईं और टीम इंडिया ने पूरी रात जश्न मनाया. जश्न में डूबे भारतीय खिलाड़ियों को हालांकि उस रात खाना नसीब नहीं हुआ था. दरअसल, किचन रात 9 बजे बंद हो जाते थे. जश्न मनाने के बाद जब भारतीय टीम होटल पहुंची, तो खाना खत्म हो चुका था, फिर टीम को भूखे ही सोना पड़ा.

टीम इंडिया को स्पॉनसर्स मिलने शुरू हुए

उस रात के बाद भारतीय क्रिकेट का सूरज उदयमान हुआ. भारतीय टीम को न सिर्फ स्पॉनसर्स मिलने शुरू हुए बल्कि विश्व क्रिकेट ने भी टीम इंडिया के दमखम को पहचाना. हॉकी के इस देश के युवा क्रिकेट की ओर आकर्षित होने लगे और आज टीम इंडिया विश्व क्रिकेट की महाशक्ति बन चुका है.