देव श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी।
नीमगांव थाना क्षेत्र के कस्बा बेहजम में सात जन्मों तक साथ निभाने की कसम खाने वाले पति ने अपने ही हाथों से अपनी पत्नी को गला काट कर मौत के घाट उतार दिया। हत्या करने के बाद आरोपी मृतका का सिर लेकर पुलिस चौकी पहुंचा। मामला देख मौके पर हड़कम्प मच गया। चौकी पुलिस ने उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया। जानकारी के बाद पुलिस अधीक्षक, सीओ मितौली, नीमगांव एसओ और चौकी प्रभारी सिकंद्राबाद व बेहजम घटना स्थल पहुंचे। खेत में पड़ी महिला की सिरकटी लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भेजा। मृतका के पुत्र की तहरीर पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार बेहजम गांव निवासी मृतका ऊषा देवी (48) अपने पति रामसेवक गौतम के साथ सोमवार सुबह लगभग 7 बजे गांव के पश्चिम अपने ही घुइंया के खेत में निराई कर रही थी। खेत में ही किसी बात को लेकर दोनों पति-पत्नी में आपस में लडऩे-झगडऩे लगे। बताते हैं कि आरोपी रामसेवक ने आवेश में आकर निराई करने वाली खुरपी से ही अपनी पत्नी का गला रेत कर मौत के घाट उतार दिया। इतना ही नहीं हत्यारोपी मृतका के सर को लेकर बेधड़क बेहजम पुलिस चौकी में पहुंच गया।
इस घटना को देखने के बाद पुलिस चौकी प्रभारी पारसनाथ यादव ने हत्यारोपी को हिरासत में लेकर घटना की सूचना एसओ नीमगांव डीके सिंह को दी। घटना की सूचना मिलने के बाद सीओ मितौली निष्ठा उपाघ्याय अपनी महिला पुलिस कर्मियों सहित मौके पर पहुंच कर घटना स्थल पर बारीकी से जांच पड़ताल के बाद मृतका के शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। दिन दहाड़े हुई लोमहर्षक हुई हत्या की घटना से क्षेत्र में हड़कम्प मच गया।
घटना स्थल पर देखते ही देखते सैकड़ों की संख्या में लोगों की भीड़ इकठ्ठा हो गई। दिन दहाड़े हुई हत्या की घटना के बारे में मृतका के पुत्र मनोज, सुनील, पम्मी और अंजली दोनों पुत्रियों ने घटना स्थल पर रो-रो कर पुलिस से अपने बेरहम पिता को कठोर से कठोर सजा दिलाने की फरियाद करते देखे गये। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि आरोपी रामसेवक का दिमागी संतुलन ठीक न होने के कारण अक्सर अपनी पत्नी उषा देवी व पुत्री पम्मी को बात-बात में मारापीटा करता था जिसके बचाव में 10 दिन पूर्व आरोपी के भाई रामस्वरूप व सुंदर लाल से काफी कहासुनी व मारपीट हुई थी। मृतका उषा देवी अपने पति आरोपी रामसेवक के सनकी दिमाग के कारण अक्सर लड़ाई-झगड़ा होता रहता था। मृतका ऊषा देवी की हत्या का कारण चाहे जो कुछ भी रहा हो लेकिन इन बच्चों के ऊपर से मां का साया तो उठ ही गया और साथ-साथ बाप भी अपने द्वारा किये गए कसूर की सजा भुगतने के लिए जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गया।