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आखिर क्यों मनाया जाता है रूप चौदस, साथ ही जानिए क्या है महत्व…

आज धनतेरस का त्यौहार मनाया जा रहा है और कल यानी 6 नवम्बर को रूप चौदस मनाया जाने वाला है. ऐसे में रूप चौदस का पर्व काफी महत्वपूर्ण होता है और दिवाली के एक दिन पहले रूप चौदस का त्यौहार मानते हैं.

ऐसे में इसे छोटी दिवाली, नरक चतुदर्शी और काली चतुदर्शी के नाम से भी पुकारा जाता है वहीं हिंदू त्यौहार में रूप चौदस काफी मायने रखती है.

यह हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को ये पर्व मनाया जाता है और आप सभी को बता दें कि इस बार दिवाली 7 नवंबर को है और रूप चौदस 6 नवंबर को. अब आइए जानते हैं इसका महत्व.

रूप चौदस का महत्व

कहा जाता है रूप चौदस पर व्रत रखने का भी अपना महत्व है और मान्यता है कि रूप चौदस पर व्रत रखने से भगवान श्रीकृष्ण व्यक्ति को सौंदर्य प्रदान करते हैं. ऐसा भी माना जाता है कि रूप चतुदर्शी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर तिल के तेल की मालिश और पानी में चिरचिरी के पत्ते डालकर नहाना चाहिए.

वहीं उसके बाद भगवान विष्णु और भगवान कृष्ण के दर्शन करने चाहिए क्योंकि ऐसा करने से पापों का नाश होता है और सौंदर्य मिलता है. इसी के साथ रूप चौदस की रात को घर के सबसे बुजुर्ग को पूरे घर में एक दीया जलाकर घुमाना चाहिए, उसके बाद उसे घर से बाहर कहीं दूर जाकर रख देना चाहिए. आप सभी को बता दें कि इस दिये को यम दीया कहा जाता है.