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वीर सावरकर के नाती को फुटपाथ पर भीख मांगते देख लोग हुए दंग, जानिए किस वजह से हुई ऐसी हालत

नई दिल्ली। भारत के महान क्रांतिकारी और हिंदू महासभा के संस्थापक विनायक दामोदर सावरकर को भला कौन नहीं जानता होगा। क्योंकि उन्होंने अपने कर्मों से अपना नाम भारतीय इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में लिखवाया है। लेकिन क्या आप इस बात पर यकीन करेंगे कि इस महान क्रांतिकारी के नाती को पुणे में एक मंदिर के सामने भीख मांगते हुए देखा गया है।

यही नहीं वीर सावरकर के नाती मंदिर के सामने भीख मांगते हैं और उन्हीं पैसों से अपने जीवन का गुजारा करते हैं। साथ ही वह वहीं सड़क किनारे फुटपाथ पर ही अपना जीवन निर्वाह कर रहे हैं। यहां आने जाने वाले ज्यादातर लोग उन्हें पहचानते तो नहीं लेकिन पैसा जरूर दे देते हैं। यह खबर लोगों को स्तब्ध करने वाली है।

दरअसल कुछ साल पहले ही जब पुणे के लोगों को पता चला कि सावरकर का उच्च शिक्षित नाती इस हाल में हैं, तो लोग हैरान रह गए और देश के कई प्रतिष्ठित अखबारों और मीडिया चैनल में इस खबर को दिखाया गया। लोग उन्हें देख उस दौरान हैरान रह गए, जब पुणे के सरासबाग गणपति मंदिर के पास दो वेंडर्स ने देखा कि एक भिखारी यहां पर अंग्रेजी का अखबार पढ़ रहा है, वह फुटपाथ पर ही रहता है और लोगों के दिए पैसे से गुजारा करता है।

इसके बाद जब उन वेंडर्स ने इस बात की जानकारी एक सामाजिक संस्था को दी, तो पता चला कि यह शख्स कोई और नहीं बल्कि प्रतिष्ठित क्रांतिकारी और हिंदू महासभा के संस्थापक सावरकर की बेटी प्रतिभा का बेटा है। बताते चलें कि सावरकर के नाती प्रफुल्ल ने अपनी जिंदगी के शुरुआत साल सावरकर के साथ ही गुजारे थे, उनका सेलेक्शन 1971 में दिल्ली आईआईटी में हुआ था। जहां से उन्होंने केमिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की और इसके बाद थाईलैंड चले गए।

यहीं पर ही एक थाई महिला श्रीपॉर्न से शादी रचाई, जिनसे उन्हें एक बेटा हुआ और इसके कुछ साल बाद वह भारत लौट आए लेकिन उनका बेटा वहीं रह गया। भारत लौटने के बाद एक हादसे मेंवह बुरी तरह जल गए थे, जिसके बाद उनका शरीर टूट गया। वहीं साल 2000 में एक कार एक्सीडेंट में अपनी पत्नी और बेटे की मौत की खबर के बाद वह बिल्कुल टूट गए थे और तभी से उन्होंने छोटे मोटे काम करना शुरू किया और स्थिति बिगड़ने पर उन्होंने भीख मांगना शुरू कर दिया।