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कृषि रोजगार पर केंद्रित होगा उत्तर प्रदेश का बजट

यूपी के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा है कि प्रदेश सरकार द्वारा पेश किया जाने वाला वर्ष 2022-23 का बजट बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर, कृषि क्षेत्र, रोजगार और स्टार्टअप पर केंद्रित नजर आएगा। भारत सरकार की तरह ही प्रदेश का बजट भी होगा। सरकार अपने संकल्प पत्र को लेकर आगे बढ़ेगी। सरकार कोई भी ऐसा काम नहीं करेगी जो वित्तीय अनुशासन और वित्तीय नियंत्रण के खिलाफ है।गुरुवार को विधानभवन स्थित अपने कक्ष में पत्रकारों से बातीच में  वित्त मंत्री ने  तीन महीने बाद भी गरीबों को मुफ्त राशन दिए जाने के सवाल पर कहा कि संसाधनों पर पहला हक गरीबों का है। सरकार गरीबों के विकास के लिए हर संभव कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान दूसरी पार्टियों ने बहुत सारी बातें कीं लेकिन जनता ने हम पर विश्वास किया। सपा का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेताओं की विश्वसनीयता क्या है यह जनता को मालूम है।

वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश को 10 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में प्रयास तेज किए गए हैं, इसे हासिल भी किया जाएगा। इस मौके पर उन्होंने 31 मार्च को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2021-22 के आय व्यय का ब्यौरा भी प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि दोनों अनुपूरक को मिला कर इस वर्ष का बजट  5 लाख 66 हजार 51.83 करोड़ रुपये था। कोरोना महामारी के बीच बेहतर प्रबंधन के कारण सरकार को  4 लाख 34 हजार 319.38 करोड़ रुपये खर्च करने में सफलता हासिल हुई। खर्च की गई धनराशि बजट का 77 फीसदी है। इससे पूर्व के वर्ष 2020-21 में बजट के सापेक्ष कुल 73 फीसदी धनराशि खर्च की जा सकी थी। वर्ष 2021-22 में पूर्व के वर्ष 2020-21 के मुकाबले 58 हजार 862.92 करोड़ रुपये यानी 16 फीसदी अधिक धनराशि खर्च की गई।

2021-22 में 25226 करोड़ अधिक मिले: वित्त मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में वर्ष 2020-21 के मुकाबले कर व करेत्तर राजस्व से सरकार को 25 हजार 226.62 करोड़ रुपये अधिक राजस्व मिला। जीएसटी, वैट, आबकारी, स्टांप व निबंधन तथा परिवहन में कर राजस्व अधिक आया।