मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हस्तक्षेप के बाद बदायूं के रायपुर गांव की आरती को प्राथमिक विद्यालय में पहली कक्षा में प्रवेश मिला। सोशल मीडिया पर सोमवार को एक खबर वारयल हुई थी कि बदायूं की बिल्सी तहसील के रायपुर गांव निवासी दिनेश अपनी बेटी आरती का दाखिला कराने राजकीय प्राथमिक विद्यालय रायपुर गए थे। लेकिन वहां शिक्षिका ने आरती को प्रवेश देने से इनकार कर दिया। हालांकि, इस बारे में खुद बच्ची की मां यानि मधु का कहना था, ‘मैं अपनी बेटी का नाम लिखाने गई थी स्कूल। वहां टीचर ने उसके नाम का मजाक उड़ाते हुए कहा था कि ‘मधु के पांचवें बच्चे’ को स्कूल में दाखिला नहीं मिल सकता।
शासन की ओर से की गई पड़ताल में सामने आया कि आरती के आधार कार्ड में नाम के आगे मधु का पांचवां बच्चा लिखा था। इसके चलते उसे स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जा सका। शिक्षिका ने दिनेश को आरती का आधार कार्ड दुरुस्त करने को कहा था। मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचने पर उन्होंने तुरंत विभाग को आरती को स्कूल में प्रवेश दिलाने के निर्देश दिए। सीएम के निर्देश के बाद आरती को स्कूल में पहली कक्षा में प्रवेश मिला। खैर, यह खबर इतनी वायरल हुई कि खुद सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका संज्ञान लिया और उनके निर्देश पर आनन-फानन में आरती का एडमिशन हो गया। आधार कार्ड पर ऐसा नाम लिखने वाले के खिलाफ र्कारवाई होगी या नहीं यह देखना बाकी है। दूसरी तरफ, स्कूल ने वाकई एडमिशन से इनकार किया था या नहीं इसकी तो जांच होती रहेगी
लेकिन इस पूरे मामले का सुखद अंत जरूर हो गया और ‘मधु का पांचवां बच्चा’ उर्फ आरती को स्कूल में जगह मिल गई। ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर अशोक पाठक ने कहा, ‘उस महिला (मधु) की बच्ची का नाम स्कूल में लिख लिया गया है। हमने उसमें सुधार का सुझाव दिया था, बच्ची का दाखिला 2 अप्रैल को ही हो गया था।’ उस स्कूल की प्रिंसिपल सीमा रानी ने भी कहा, ‘वह महिला 2 अप्रैल को अपनी बेटी के एडमिशन के लिए आई थी। हमने एडमिशन देने के बाद कहा था कि आधार कार्ड में सुधर करे