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IPL को लेकर फिर भिड़े दो विदेशी खिलाड़ी, इस बार इन दो ​के बीच में छिड़ी जंग

खेल कोई भी हो उसमें खिलाड़ियों के बीच तकरार चलती ही रहती है. ज़ुबानी जंग और बयानबाजी भी आम बात है, लेकिन ये जुबानी जंग तब चर्चा में आ जाती है, जब आमने-सामने भिड़ने वाले खिलाड़ी एक ही देश के हों. पिछले दिनों Indian Premier League (IPL) के आयोजन को लेकर केविन पीटरसन और एंड्रयू स्ट्रॉस में भिड़ंत हुई थी अब ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर टिम पेन और माइकल क्लार्क आमने सामने हैं. माइकल क्लार्क ने कुछ दिन पहले एक बयान में इशारा किया था कि ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर IPL के अपने कॉन्ट्रैक्ट की वजह से भारतीय क्रिकेटर्स के प्रति प्यार जताते हैं.

उनका कहना था कि IPL कॉन्ट्रैक्ट के लिए हमारे खिलाड़ियों ने विराट कोहली के खिलाफ स्लेजिंग नहीं की. आपको याद दिला दें कि भारत ने पिछले दौरे में ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में मात दी थी. भारत ने वो सीरीज 2-1 से जीती थी. माइकल क्लार्क का इशारा ये था कि चूँकि IPL में खिलाड़ियों को मोटा पैसा मिलता है इसलिए वो भारतीय खिलाड़ियों से पंगा नहीं लेना चाहते और उनके ख़िलाफ़ ‘पोलाइट’ रहते हैं. अब ऑस्ट्रेलिया के मौजूदा कप्तान टिम पेन ने क्लार्क के इस बयान पर जवाब दिया है.

ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट कप्तान टिम पेन ने क्लार्क के आरोप के बारे में कहा कि हम किसी खिलाड़ी को बेवजह उकसाना नहीं चाहते थे. यही वजह है कि उनकी टीम ने विराट कोहली और दूसरे खिलाड़ियों पर पिछली सीरीज के दौरान स्लेजिंग नहीं की. टिम पेन ने कहा, कि उन्होंने कई खिलाड़ियों को विराट के साथ अच्छा व्यवहार करते हुए नहीं देखा था.

पेन ने ये भी कहा कि जब उनकी टीम देश के लिए मैदान में उतरती है तो उनका लक्ष्य सिर्फ़ सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का रहता है. उस वक्त किसी भी खिलाड़ी के दिमाग़ में IPL का करार नहीं रहता. टिम पेन ने ये भी कहा कि उनके लिए क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया पहले है इंडियन प्रीमियर लीग बाद में.

वर्ल्ड क्रिकेट में स्लेजिंग में ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी काफ़ी विवादों में रहे हैं. विश्व क्रिकेट के इतिहास के सबसे बड़े विवादों में अक्सर ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी मिलते हैं. भारत के ख़िलाफ़ मंकीगेट एपीसोड तो क्रिकेट प्रेमी कभी नहीं भूल सकते हैं. कंगारुओं ने 2007-08 की सीरीज़ में एंड्रयू सायमंड्स को लेकर नस्लीय टिप्पणी का आरोप हरभजन सिंह पर लगाया था.

वो मामला क्रिकेट के सबसे बड़े विवादों में शुमार है. उस विवाद में माइकल क्लार्क भी शामिल थे. बाद में जस्टिस जॉन हेंसन ने हरभजन सिंह को क्लीन चिट दी थी. अपने फ़ैसले में उन्होंने साफ़ कहा था कि सायमंड्स ने जान बूझकर भज्जी को भड़काया था. इस विवाद के बाद विश्व क्रिकेट में कंगारुओं की बहुत बेइज्ज़ती हुई थी.