नई दिल्लीः दुनिया के सबसे दुर्गम युद्ध क्षेत्र सियाचिन में तैनात सेना के जवानों के लिए ऑक्सीजन प्लांट डोनेट कर पुणे के दंपति ने एक नजीर पेश की है। इसके लिए दंपति ने अपने कीमती सामान और जेवरात तक बेच दिए। इस आक्सीजन प्लांट के स्थापित होने से अब यहां पर तैनात सेना के जवानां को संजीवनी मिल गई है।
बता दें कि सियाचिन में तैनात सेना के जवानों को बहुत कठिन परिस्थितियों में काम करना पड़ता है। यहां पर जिंदा रहने के लिए जो सबसे जरूरी चीज यानी ऑक्सीजन होती है, उसकी कमी से जवानों को यहां पर जूझना पड़ता है। इस विषम परस्थिति के बावजूद देश के जवान वहां पर डटे रहते हैं। उनकी इस परेशानी को दूर करने के लिए योगेश चिताड़े ने बड़ा कदम उठाया। जब उन्हें परवीर चक्र से सम्मानित कैप्टन बाना सिंह से इस बारे में पता चला तो योगेश ने ऑक्सीजन प्लांट बनाने के लिए फंड स्थापित करने का फैसला किया।
दंपति ने डोनेशन के जरिए ऑक्सीजन प्लांट के लिए 2 करोड़ रुपये का फंड तैयार कर लिया। योगेश चिताडे पूर्व वायु सेना कर्मी हैं जबकि उनकी पत्नी सुमेधा चिताडे स्कूल टीचर हैं। फंड बनाने में दंपति को लगभग डेढ़ साल का समय लग गया। दोनों ने महाराष्ट्र में अलग-अलग जगहों पर जाकर फंड के लिए दान देने की अपील की।
आखिरकार दोनों की मेहनत रंग लाई। बता दें योगेश चिताडे़ के इकलौते बेटे भारतीय सेना में मेजर हैं। ऑक्सीजन प्लांट के लिए मशीन जर्मनी से मंगवाई गई है और इसकी कीमत लगभग डेढ़ करोड़ रुपये है। चिताडे परिवार ने 15 अक्टूबर से पहले-पहले इस मशीन को लगाने की तारीख तय की थी ताकि समय रहते काम पूरा हो जाए और जवानों को परेशानी न हो। अक्टूबर आते-आते सियाचिन में ठंड बढ़ने लगती है। बीते 4 अक्टूबर को ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन लेफ्ट. जे. वाई.के. जोशी ने किया।