Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

दशहरे पर हुए इस हादसे से कांप गया था पूरा देश

नई दिल्लीः आज पूरा देश दशहरे का जश्न मना रहा है लेकिन पिछले साल दशहरे के दिन ही हुए एक हादसे ने पूरे देश को शोकाकुल कर दिया था। पठानकोट से आ रही डीएमयू ट्रेन जौड़ा फाटक के समीप लोगों को रौंदते हुए आगे निकल गई थी, इस हादसे में ट्रैक पर खड़े 59 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। घटना का खौफनाक मंजर याद कर आज भी लोग सिहर उठते हैं।

बता दें कि बीते वर्ष 19 अक्टूबर 2018 को जौड़ा रेल फाटक के पास ट्रैक पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे लोगों को तेज गति से आ रही डीएमयू ट्रेन रौंदती हुई चली गई थी। थोडी़ देर पहले उत्सव में झूम रहे लोगों में चीख-पुकार मच गई। लोगों की चीत्कार से पूरा माहौल गूंज उठा। इस दर्दनाक घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। किसी ने अपना बेटा खो दिया तो किसी ने अपना पिता, किसी की बेटी नहीं रही तो कोई मां की ममता से महरूम हो गया। दर्जनों आंगन दुखों में डूब कर सूने हो गए।

इस घटना के बाद जांच-दर-जांच हुई, नेताओं के दौरे हुए और लोगों के जख्म पर मरहम लगाने की तमाम घोषणाएं हुईं लेकिन, तकरीबन एक वर्ष बाद भी इस हादसे की भेंट चढ़ गए लोगों के परिजनों का दर्द कम नहीं हुआ है। आज भी जौड़ा फाटक की गलियां गम से बोझिल हैं। मंगलवार को एक बार फिर पूरा देश दशहरा उत्सव मनाने की तैयारियों में जुटा है, पर पीड़ित परिवारों के लिए यह दिन एक बुरे सपने की तरह है।

इस बार जौड़ा फाटक में दशहरा उत्सव नहीं मनाया जा रहा है। हां, पीड़ित परिवारों ने सरकार के खिलाफ उसी रेलवे ट्रैक पर बैठ कर प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है, जहां उनके अपने लाश बने थे। सोमवार को पुलिस ने पीड़ित परिवारों को बुलाकर धरना न लगाने की अपील की, लेकिन परिजनों ने स्पष्ट कहा कि सरकार ने उनकी पुकार नहीं सुनी, इसलिए अब वे विरोध का रास्ता अपना रहे हैं। सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाकर थक चुके हैं। इस अवधि में उनसे पांच बार सरकारी नौकरी देने के नाम पर फॉर्म भरवाए गए, पर नौकरी नहीं दी।