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दिल्ली हिंसा में इन पांच प्रमुख हथियारों का हुआ इस्तेमाल, पुलिस रिपोर्ट में खुलासा

 


नई दिल्ली। दिल्ली के उत्तर-पूर्वी जिले के कई इलाकों में हुए दंगे में उपद्रवियों द्वारा पांच प्रमुख हथियारों का इस्तेमाल लोगों पर हमले के लिए किया गया। पुलिस द्वारा तैयार रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है।

एसिड पाउच, पेट्रोल बम और मशाल

दुकानों और वाहनों को आग के हवाले करने के लिए उपद्रवियों ने कोल्ड ड्रिंक की बोतल में पेट्रोल भरकर बम बनाया, जिसका इस्तेमाल किया गया। वहीं हिंसा के दिन तेजाब को प्लास्टिक के पाउच में भरकर फेंका गया। आग भड़काने के लिए केमिकल व मशाल का भी उपयोग किया गया।

पिस्तौल और तमंचा

दिल्ली हिंसा में अबतक की जांच में 87 लोगों को गोली लगने की पुष्टि हुई। उपद्रवियों ने इस दंगे में सरेआम पुलिस और लोगों पर गोलियां चलाई थी, जिससे करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा मौत हुई और भारी संख्या में लोग घायल हुए।

ईंट-पत्थर और रॉड-डंडे

उपद्रवियों ने पुलिस और लोगों पर ईंट-पत्थर से जमकर वार किया। इसके लिए पहले से ही ईंट-पत्थर से भरी बोरियां कई इलाकों में रखी मिलीं, जिससे यह साफ होता है कि दंगे की पूरी तैयारी पहले से थी। उपद्रवियों ने लोगों पर रॉड और डंडे से भी हमला किया।

चाकू-तलवार जैसे धारधार हथियार

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है कि आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की डेड-बॉडी पर 40 से ज्यादा बार चाकू से हमला किया गया था। इसके अलावा कई अन्य घायलों पर भी धारदार हथियार से वार करने के जख्म हैं।

छोटी-बड़ी दो तरह की गुलेल

दंगे के दौरान उपद्रवियों ने छोटी व बड़ी दोनों तरह के गुलेल का इस्तेमाल बड़े-छोटे पत्थरों के इस्तेमाल के लिए किया। बड़ी गुलेल रिक्शे पर लोहे के एंगल से बनाई गई थी, जिससे दूर तक वार किया गया। करीबी लोगों पर पत्थरबाजी करने के लिए छोटी गुलेल का उपयोग किया गया।