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मनीष सिसौदिया के विधायकी पर लटकी तलवार

 

 

दिल्ली हाई कोर्ट नें दिया निर्देश जवाब दाखिल करने का

 

राष्ट्रध्वज के अपमान के मुक़दमे को छिपाया था हलफनामे में

 

दिल्ली के पटपड़गंज विधानसभा के चुनाव में श्री मनीष सिसौदिया को मिली जीत को चुनौती देते हुए राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी के प्रत्याशी प्रताप चन्द्रा नें दिल्ली हाई कोर्ट में इलेक्शन पेटीशन डाला था जिसपर हुई बहस में तथ्यों के आधार पर दिल्ली हाईकोर्ट नें श्री मनीष सिसौदिया को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश जारी किया, २० दिसंबर को अगली सुनवाई होगी |

हाई कोर्ट में दाखिल इलेक्शन पेटीशन में राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी के प्रत्याशी प्रताप चन्द्रा नें लिखा है कि श्री मनीष सिसौदिया के विरुद्ध नंदनगरी थानें में मुकदमा नं० 696 /2013 जो राष्ट्रध्वज को कफ़न बनाकर अपमानित करने हेतु दर्ज है, जिसकी चार्जशीट 29/11/2016 को तैयार हो गई थी इसके बावजूद श्री मनीष सिसौदिया नें पटपड़गंज विधानसभा हेतु किये गए नामांकन हलफनामे में उक्त मुकदमें को नहीं बताया जबकि अगर कोई मुकदमा दर्ज है तो बताना आवश्यक होता है, स्क्रूटनी वाले दिन रिटर्निंग आफिसर से इसकी लिखित आपत्ति दर्ज कराते हुए नामांकन रद्द करने को कहा किन्तु नामांकन रद्द नहीं किया गया |

 

इलेक्शन पेटीशन में ये भी लिखा गया कि RP Act 1951 के सेक्शन 126 के तहत मतदान के 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार बंद हो जायेगा किन्तु श्री मनीष सिसौदिया का प्रचार होर्डिंग, पब्लिक यूटिलिटी, बस सेल्टर आदि पर प्रचार होता रहा जिसकी शिकायत चुनावी MCMC कमिटी से करने के बावजूद प्रचार बंद नहीं कराया गया यहाँ तक कि मतदान वाले दिन भी प्रचार होता रहा जिससे प्रत्याशी श्री मनीष सिसौदिया को चुनावी बढ़त मिला जो फ्री एंड फेयर चुनाव के सिद्धांत का उलंघन है |

राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी के प्रत्याशी प्रताप चन्द्रा द्वारा दाखिल इलेक्शन पेटीशन में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट की स्पष्ट गाइड लाइन है कि यदि चुनाव में किसी को बढ़त मिली हो, फ्री एंड फेयर सिद्धांत का पालन न हुआ हो या अवसर की समता भंग हुई हो तो ऐसे चुनाव को बोगस मानते हुए रद्द किया जाना चाहिए