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सर्जिकल स्ट्राइक, जब दुनिया को दिखी नए भारत की झलक

नई दिल्लीः पाकिस्तानी से आए आतंकियों द्वारा उरी कैंप पर किए गए हमले के बाद 28-29 सितंबर की रात को भारत ने कड़ा रूख अख्तियार करते हुए ऐसा कदम उठाया था, जिसे दुनिया देखती रह गई थी। भारतीय कमांडोज ने पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी लॉन्च पैड्स पर सर्जिकल स्ट्राइक कर उसे नेस्तनाबूत कर दिया था।

बता दें कि 18 सितंबर 2016 को पाकिस्तान से आए आतंकियां ने जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में भारतीय सेना के कैंप पर हमला कर दिया था, जिसमें 18 जवान शहीद हो गए थे। जिसके बाद देश भर में गुस्से की लहर दौड़ गई थी और बदला लेने की मांग उठी थी। इस हमले के दौरान मौके पर मारे गए आतंकियों से जब्त जीपीएस सेट्स से हमलावरों के पाकिस्तान से जुड़े होने का पता चला।

उरी आतंकी हमले के बाद पकड़े गए दो स्थानीय गाइड्स ने बताया कि पाकिस्तानी सेना ने हमलावरों को घुसपैठ में मदद की थी। इस हमले के तीन दिन बाद यानी 21 सितंबर 2016 को तत्कालीन भारतीय विदेश सचिव एस. जयशंकर ने पाक उच्चायुक्त अब्दुल बासित को समन कर बुलाया और उन्हें उरी हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता के सबूत सौंपे गए हालांकि, इस्लामाबाद ने इन सबूतों को खारिज कर दिया।

यही नही 22 सितंबर 2016 को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में भड़काऊ भाषण में हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी को हीरो के तौर पर पेश किया। पाकिस्तान की इस हरकत के बाद तत्कालीन सेनाध्यक्ष जनरल दलबीर सिंह सुहाग और डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को जवाबी कार्रवाई के तौर पर सभी सैन्य विकल्पों की जानकारी दी।

150 कमांडोज ने की सर्जिकल स्ट्राइक

भारत ने पाक को सबक सिखाने की योजना बनाई और 28-29 सितंबर की रात 150 कमांडोज की मदद से सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया गया। ये पहला मौका था जब आतंकियों के खिलाफ लाइन ऑफ कंट्रोल पार कर सेना ने ऑपरेशन को अंजाम दिया था। भारतीय सेना के जवान पूरी प्लानिंग के साथ 28-29 सितंबर की आधी रात पीओके में 3 किलोमीटर अंदर घुसे और आतंकियों के ठिकानों को तहस-नहस कर डाला।