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मध्य भारत में कम दबाव के क्षेत्र के चलते दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने गति पकड़ ली है

मध्य भारत में कम दबाव के क्षेत्र के चलते दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने गति पकड़ ली है। इससे इस क्षेत्र में खरीफ फसलों की बुवाई के लिए भरपूर बारिश हुई है। मौसम विभाग ने कहा कि मध्य भारत और पश्चिमी तट पर अगले पांच दिनों के लिए सक्रिय मॉनसून की स्थिति होगी, जबकि देश के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में बुधवार से मौसमी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि मध्य प्रदेश के मध्य भागों पर कम दबाव के क्षेत्र के प्रभाव के चलते कई इलाकों में भारी बारिश का पूर्वानुमान है। अगले पांच दिनों तक तेलंगाना, केरल, तटीय कर्नाटक और ओडिशा में भारी बारिश होगी। मौसम विभाग के अनुसार, 5 और 8 जुलाई को कोंकण, गोवा में भारी से बहुत भारी बारिश के आसार हैं। दक्षिणी गुजरात के इलाकों में बहुत भारी बारिश होगी। वहीं, मध्य महाराष्ट्र में भी पांच से आठ जुलाई के बीच भारी बारिश की संभावना है।

पीटीआई के अनुसार, मौसम कार्यालय के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले कुछ दिनों में अच्छी बारिश ने देश के लिए बारिश की कमी को पिछले शुक्रवार को आठ प्रतिशत से घटाकर दो प्रतिशत कर दिया। आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश (-48 फीसदी), झारखंड (-42 फीसदी), केरल (-38 फीसदी), ओडिशा (-26 फीसदी), मिजोरम (-25 फीसदी), मणिपुर (-24 फीसदी) में मॉनसून की कमी बनी हुई है। वहीं, अगर कृषि के मोर्चे पर बात करें तो खरीफ फसलों की बुवाई धीमी रही है। किसानों ने 1 जुलाई तक 278.72 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को खेती की, जबकि पिछले साल आंकड़ा इसी अवधि में 294.42 लाख हेक्टेयर था। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों से पता चला है कि 2021 में 59.56 लाख हेक्टेयर की तुलना में 43.45 लाख हेक्टेयर में चावल बोया गया है, जो कि 16.11 लाख हेक्टेयर कम है। वहीं, 2021 में 26.23 लाख हेक्टेयर की तुलना में 28.06 लाख हेक्टेयर में दलहन बोया गया है, जो 1.83 लाख हेक्टेयर अधिक है।