हालही सुनील गावस्कार और चयन समिति के प्रमुख एमएसके प्रसाद के बीच बयान बाजी सुनने को मिली थी। जिसके बाद समिति पर काफी सवाल भी खड़े किए गए थे। प्रसाद ने यह तक कह दिया था कि ज्यादा मुकाबले खेलने का अर्थ यह नहीं की आप ज्यादा जानकर है।
भारतीय क्रिकेट टीम की 5 सदस्यीय चयन समिति पर दूरदर्शी नहीं होने के आरोप लगते रहे हैं। लेकिन चयन समिति के प्रमुख एमएसके प्रसाद ने इसे सिरे से खारिज करते हुए कहा, ‘‘अगर हम दूर की नहीं सोचते तो हार्दिक पंड्या और जसप्रीत बुमराह टेस्ट क्रिकेट नहीं खेल पाते। अगर समिति में दूरदर्शिता की कमी होती तो फिर जिस बुमराह को केवल सीमित ओवरों का क्रिकेटर माना जाता था, वे कैसे टेस्ट क्रिकेट में आ पाते और फिर आईसीसी रैंकिंग में नंबर एक टेस्ट गेंदबाज बन पाते।’’
प्रसाद ने कहा, ‘‘हम दूरदर्शी हैं, इसलिए हार्दिक पंड्या तीनों फॉर्मेट में ऑलराउंडर की भूमिका निभा पाए। जबकि पहले उन्हें सिर्फ टी20 का खिलाड़ी माना जाता था। मौजूदा समिति ने ही आर. अश्विन और रवींद्र जडेजा जैसे स्थापित स्पिनरों की मौजूदगी के बावजूद रिस्ट स्पिनर कुलदीप और चहल को आगे बढ़ाया।’