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RSS के कार्यकारी मंडल की बैठक आज से, केरल और रोहिंग्याओं सहित विभिन्न मुद्दों पर होगी चर्चा

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल कल गुरुवार से यहां अपने कामकाज की समीक्षा करेगा। तीन दिन तक चलने वाली इस बैठक में देश भर के लगभग 300 प्रतिनिधि भाग लेंगे। इसमें देश के मौजूदा राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक परिदृश्य पर चर्चा होगी। खासतौर पर केरल, जम्मू कश्मीर व पश्चिम बंगाल के राजनीतिक हालात पर विस्तार से बात होने के संकेत हैं और रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में शरण देने के सवाल पर भी विमर्श होगा।
गौरतलब है कि संघ का कार्यकारी मंडल साल में दो बार बैठक करता है। इसके पहले मार्च में यह बैठक हुई थी। पिछली बार भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी इसमें शरीक हुए थे, पर इस बार उनका कार्यक्रम स्पष्ट नहीं है। हालांकि औपचारिक तौर पर यह सर्वविदित है कि कार्यकारी मंडल की बैठक में संघ अपने कार्यों की समीक्षा करता है। अनुषांगिक संगठनों सहित जिनके पास जो दायित्व है, उसका लेखा जोखा प्रस्तुत किया जाता है और अगले एजेंडे पर चर्चा होती है।

संघ प्रमुख मोहन भागवत करीब चार दिन पहले भोपाल पहुंच गए थे। इस दौरान वह समाज के बुद्धिजीवी वर्ग से लेकर तमाम राजनीतिक व गैर राजनीतिक लोगों से मुलाकात कर फीडबैक प्राप्त कर चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि एक साल के भीतर चूंकि कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है, लिहाजा राजनीतिक तौर पर भाजपा के लिए संघ की यह बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

सूत्रों ने बताया कि कल मंगलवार को भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल ने भी संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की और उन्हें संगठन के संबंध में फीडबैक दिया। जिसमें केरल में चल रही जनरक्षा यात्रा खास है। इसके अलावा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की टीम के बारे में भी बात हुई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने भी भागवत से मुलाकात की थी। हालांकि उन्हें इसके लिए 24 घण्टे प्रतीक्षा करना पड़ी थी।

इधर संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के इस बयान की आलोचना की है कि संघ में महिलाओं को कभी शॉर्ट्स पहने देखा है क्या? वैद्य ने कहा कि जो लोग संघ को समझते नहीं हैं, वे ही इस तरह की बात करते हैं। संघ पुरूषों के बीच काम करता है, महिलाओं के नहीं। राहुल गांधी को महिला हॉकी का खेल देखना चाहिये। वैद्य ने कहा कि राहुल की दादी और पिता जब बहुत ताकतवर थे, तब भी संघ को कमजोर करने की कोशिश की गई पर संघ और ज्यादा मजबूत होता गया।