Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

आरजेडी में घमासान: Bihar News : BJP MP Sushil Kumar Modi said time will tell who become Aurangzeb and Dara Shikoh in RJD:सुशील कुमार मोदी बोले- RJD में कौन औरंगजेब बन कर संगठन पर राज करेगा, कौन दारा शिकोह बनाया जाएगा, यह तो वक्त ही बताएगा

[ad_1]

हाइलाइट्स

  • लालू की पार्टी सबको साथ लेकर चलने में हमेशा विफल साबित हुई है : सुशील मोदी
  • आरजेडी के राजकुमारों के बीच है सत्ता संघर्ष, जगदानंद तो बहाना है : सुशील मोदी
  • आरजेडी से एक बड़ा वर्ग आहत : सुशील मोदी

पटना।
आरजेडी में चल रहे घमासान को लेकर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने भी चुटकी ली है। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के परिवार की संपत्ति का खुलासा करने वाले सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि लालू की पार्टी सबको साथ लेकर चलने में हमेशा विफल साबित हुई है।

जगदानंद तो बहाना है, दरअसल आरजेडी के राजकुमारों के बीच है सत्ता संघर्ष : सुशील मोदी
बीजेपी सांसद और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर पार्टी के बड़े राजकुमार के पीछे हमले, लालू यादव के पार्टी के भीतर जारी सत्ता संघर्ष का परिणाम है। सुशील मोदी का कहना है कि बड़ा भाई संगठन में अपने से छोटे भाई को ज्यादा महत्व और पावर मिलने से हताश है। जिसकी वजह से वह जगदानंद पर तीर चला रहे हैं। लेकिन यह दिखावा है, क्योंकि बड़े भाई के असली निशाने पर कोई और है। सुशील कुमार मोदी ने यह भी कहा है कि आरजेडी की आंतरिक लड़ाई में कौन औरंगजेब बनकर संगठन पर राज करेगा और कौन दारा सिंह को बनाया जाएगा, यह आने वाला समय ही बताएगा।

आरजेडी से एक बड़ा वर्ग आहत : सुशील मोदी
राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि आरजेडी में दिवंगत रघुवंश प्रसाद सिंह के बाद जगदानंद सिंह जैसे सीनियर, इमानदार और पार्टी के प्रति प्रतिबद्ध व्यक्ति के साथ अमर्यादित व्यवहार जारी रहना, एक बड़े वर्ग को आहत करने वाला है। सुशील कुमार मोदी ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल सबको साथ लेकर नहीं चल पा रही। उन्होंने कहा कि इसका नुकसान राष्ट्रीय जनता दल को उठाना पड़ेगा।

दारा शिकोह का इतिहास
दारा शिकोह को 1633 में युवराज बनाया गया और उसे उच्च स्थान दिया गया था। 1645 में इलाहाबाद, 1647 में लाहौर और 1649 में वह गुजरात का शासक बना। 1653 में कंधार में हुई हार से दारा शिकोह की प्रतिष्ठा को धक्का पहुँचा। फिर भी शाहजहाँ इसे अपने उत्तराधिकारी के रूप में देखता था, जो दारा के अन्य भाइयों को स्वीकार नहीं था। शाहजहाँ के बीमार पड़ने पर औरंगजेब और मुराद ने दारा के काफ़ि़र (धर्मद्रोही) होने का नारा लगाया और युद्ध हुआ। दारा शिकोह को पहले आगरे के निकट सामूगढ़ में 1658 फिर अजमेर के पास देवराई में 1659 में हार का सामना करना पड़ा था। अंत में 10 सितंबर 1659 को दिल्ली में औरंगजेब ने उसकी हत्या करवा दी। दारा का बड़ा पुत्र औरंगजेब की क्रूरता का भाजन बना और छोटा पुत्र ग्वालियर में कैद कर दिया गया था।

औरंगज़ेब का इतिहास
औरंगज़ेब के शासन में मुग़ल साम्राज्य अपने विस्तार के उंचाईयों पर पहुँच गया था। वो अपने समय के शायद सबसे धनी और शक्तिशाली व्यक्ति था। उसने अपने जीवनकाल में दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में जीत के बाद मुग़ल साम्राज्य को साढ़े बारह लाख वर्ग मील में फैलाया और 15 करोड़ लोगों पर शासन किया था। औरंगज़ेब ने पूरे साम्राज्य में शरियत आधारित फ़तवा-ए-आलमगीरी लागू किया और कुछ समय के लिए ग़ैर-मुसलमानों पर और ज्यादा टैक्स भी लगाया। शरी’अत लागू करने वाला वो पहला मुसलमान शासक था। उसने सिखों के गुरु तेग बहादुर की हत्या भी कर दी थी।

[ad_2]
Source link