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कर्नाटक चुनाव में भाजपा-कांग्रेस की जारी है मंदिर पॉलिटिक्स

कर्नाटक में 12 मई को विधानसभा चुनाव होने को हैं. इसे देखते हुए बीजेपी ने 3 महीने पहले से ही तैयार शुरू कर दी थी. जिस तरह कांग्रेस की गुजरात चुनाव में मंदिर दर्शन की पॉलिटिक्स को जनता ने पसंद किया था. उसी को देखते हुए कर्नाटक में बीजेपी ने इस मंदिर पॉलिटिक्स को अपनाया है. कर्नाटक में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर 3 महीने से भाजपा और कांग्रेस अध्यक्षों के बीच मंदिर और मठों में जाने की होड़ लगी है. वहीं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी पिछले 75 दिन में 27 मंदिरों और मठों में दर्शन कर चुके हैं. माना जा रहा है कि इस कवायद के पीछे फोकस में राज्य के 85% हिंदू वोटर हैं.

हिंदू 200 सीटों पर निर्णायक

राज्य में 85% हिंदू वोटर हैं. यह 200 सीटों पर निर्णायक हैं. 30 जिलों में लिंगायत, कुरबा, वोकालिगा के 600 से ज्यादा मठ हैं. तीनों समुदाय के राज्य में करीब 38% वोटर हैं. अमित शाह ने राज्य में अपना चुनावी दौरा 20 फरवरी को शुरू किया था. शनिवार को भी उन्होंने राज्य में 5 रोड शो किए. अब तक वह राज्य में करीब अपने 10 चुनावी दौरों में 20 दिन रहे हैं. शाह ने पिछले 75 दिनों में 27 मंदिर और मठों में पूजा-पाठ किए हैं. इनके जरिए उन्होंने राज्य की 120 सीटों को कवर करने की कोशिश की है.