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पीएम मोदी ने ई-सिगरेट से किया सावधान, जानें-आम सिरगेट की तुलना में कितनी खतरनाक

 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वस्थ भारत के निर्माण के लिए सभी से तंबाकू और ई-सिगरेट के सेवन सहित नशीले पदार्थों की लत को छोड़ने का आह्वान किया। उन्होंने नवरात्रि और दीपावली सहित अन्य त्योहारों की बधाई देने के साथ ही बेटियों के सम्मान के लिए ‘भारत की लक्ष्मी’ अभियान चलाने, पर्यटन स्थलों का दौरा करने और महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के निमित्त सिंगल यूज प्लास्टिक से देश को मुक्त कराने की अपील की।

प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा-मैं आप सभी से तंबाकू की लत छोड़ने और ई-सिगरेट के बारे में किसी भी तरह की गलत फहमी नहीं पालने का आग्रह करता हूं। आइए, हम सब मिलकर एक स्वस्थ भारत का निर्माण करें। ई-सिगरेट को प्रतिबंधित किए जाने को उचित बताते हुए कहा कि लोगों में यह भ्रम फैलाया गया है कि ई-सिगरेट से कोई खतरा नहीं है। ई-सिगरेट को लेकर लोगों में बहुत कम जागरुकता है। वे इसके खतरे से पूरी तरह से अंजान हैं और इसके चलते यह लोगों के घरों में चुपके से घुस रही है।

तंबाकू से होने वाली बीमारियों के खतरे और सेहत के नुकसान का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि धूम्रपान के आदी लोग भी यह जानते हैं कि इनका उपयोग नुकसान पहुंचाता है। उसी के चलते वह घर के अन्य सदस्यों को इससे दूर रहने की सलाह देते हैं। वह चाहते हैं कि उनके बच्चों को सिगरेट पीने की आदत न पड़े।

मोदी ने बेटियों को भारत की लक्ष्मी करार देते हुए उनके सम्मान के लिए इस बार दीपावली पर ‘भारत की लक्ष्मी’ अभियान चलाने का आह्वान करते हुए लोगों से अपने आसपास रहने वाली बेटियों की उपलब्धियों को अधिक से अधिक सोशल मीडिया पर साझा करने की बात कही। उन्होंने कहा कि हमने पहले सेल्फी विद डॉटर (बेटी के साथ तस्वीर) का एक माह अभियान चलाया था और वह पूरी दुनिया में फैल गया। उसी तरह इस बार भारत की लक्ष्मी अभियान चलाएं।

उन्होंने कहा कि भारत की लक्ष्मी के प्रोत्साहन का मतलब है देश और देशवासियों के समृद्धि के रास्ते मजबूत करना। अपने आसपास लोगों को बेटियों के सम्मान में कार्यक्रम भी आयोजित करने चाहिए। आज से शुरू हुए नवरात्रि और आगामी त्योहारों की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस बार हम अभावों में खुशियां बांटने का प्रण लें। हमें चिराग तले अंधेरा दूर करना है। दूसरे के अभाव दूर करने से आपकी दीपावली और रोशन हो जाएगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि त्योहारों का असली आनंद तभी है जब यह अंधेरा कम हो। हमारे घरों में मिठाइयों, कपड़ों और उपहार की जब डिलीवरी हो तो एक बार डिलीवरी आउट के बारे में भी सोचें। कम से कम हमारे घरों में जो अधिकता है, जिसको हम काम में नहीं लाते ऐसी चीजों की तो डिलीवरी आउट जरूर करें।

वैश्विक यात्रा एवं पर्यटन प्रतिस्पर्धा सूचकांक में भारत की स्थिति सुधरने का जिक्र करते हुए मोदी ने दीपावली की छुट्टियों में लोगों से एक बार फिर किसी भी पर्यटन स्थल पर जाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि 27 सितम्बर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया गया। इस मौके पर दुनिया की कुछ जिम्मेदारर एजेंसियों ने पर्यटन की रैंकिंग जारी की है। वैश्विक यात्रा एवं पर्यटन प्रतिस्पर्धा सूचकांक में भारत ने बहुत सुधार किया है। भारत इस सूची में अब 34वें स्थान पर पहुंच गया है जबकि पांच साल पहले 65वें पायदान पर था। एक प्रकार से हम बहुत बड़ी छलांग लगा चुके हैं। यदि हमने प्रयास किया तो आजादी का 75वां साल आते-आते हम पर्यटन में दुनिया के प्रमुख स्थानों में अपनी जगह बना लेंगे ।

मोदी ने कहा कि 15 अगस्त को उन्होंने लाल किले की प्राचीर से जनता से 2022 तक भारत के कम से कम 15 स्थानों पर जाने का आह्वान किया था। उन्होंने एक बार फिर से आग्रह करते हुए कहा कि दीपावली के त्योहार में छुट्टियों के दिनों में भारत के किसी भी ऐसी जगह घूमने जाने की योजना बनाएं। भारत को देखें। समझें और अनुभव करें। हमारे पास कितनी विविधताएं हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वर कोकिला लता मंगेशकर को 90वें जन्मदिन की बधाई देने के लिए फोन किया था। मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में उस वार्तालाप को साझा करते हुए उसका उद्देश्य स्पष्ट किया और कहा उम्र के इस पड़ाव में भी लता दीदी देश से जुड़ी तमाम बातों के लिए उत्सुक हैं। प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों को परीक्षा के तनाव से बचने के लिए लिखी अपनी पुस्तक ‘एग्जाम वॉरियर्स’ के नए संस्करण के लिए शिक्षकों और अभिभावकों से उनके अनुभव साझा करने का आग्रह किया।

कितनी खतरनाक है ई-सिगरेट?

अमेरिकी वैज्ञानिकों की एक टीम ने पाया है कि साल 2013 में प्रचलन में आने के बाद से टैंक-स्टाइल इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट के एरोसोल या वाष्प में लेड, निकल, आयरन और कॉपर जैसी कार्सिनोजेन धातुएं बढ़ी हैं. बता दें कि हाल ही में भारत सरकार ने भी ई-सिगरेट को बैन करने का फैसला किया था।

इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट में बैटरी, एटॉमिजिंग यूनिट और फ्लूइड होता है, जिसे फिर से भरा जा सकता है. यह अब नए टैंक-स्टाइल डिजाइन में आता है जिसमें अधिक दमदार बैट्रियां होने के साथ-साथ रिफिल फ्लूइड जमा रखने के लिए अधिक क्षमता वाली टंकी बनी होती है।

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय रिवरसाइड के शोधकर्ताओं ने कहा कि नए स्टाइल में प्रयोग में लाए जाने वाली हाई-पावर की बैट्रियां और एटोमाइजर मेटल कंसंट्रेशन को बढ़ा सकता है जो एरोसोल में ट्रांसफर हो जाता है। एक पोस्ट-डॉक्टरल शोधकर्ता मोनिक विलियम्स के अनुसार, “टैंक स्टाइल ई-सिगरेट हाई वोल्टेज और पावर पर काम करती है। इस कारण एरोसोल में लेड, निकल, आयरन और कॉपर जैसी कार्सिनोजेन धातुओं की कंसंट्रेशन में वृद्धि होती।