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डायबिटीज और रीढ़ समस्या से परेशान लोगों को जरूर करना चाहिए ये योगासन

योग के महत्व के बारे में तो हम सब जानते है. योग के हर एक आसान से शरीर को लाभ मिलते है, जैसे वक्रासन करने से पेट की चर्बी घटती है. अनुलोम विलोम आसान करने से पेट के विकार दूर होते है. उसी तरह पश्चिमोत्तानासन आसन को करने के भी बेहद फायदे है. यह बैठकर किया जाने वाला योग आसान है.

पढ़िए कुछ ज्ञान की बातें…

यह आसान शीर्षासन के बाद किया जाता है. यह शीर्षासन से मिलता जुलता आसान ही है. इस आसान क्रिया को करते वक्त पैर, मेरूदंड, घुटनों के नीचे के नस और कमर योगदान देते है. जब कभी भी शरीर बहुत थका हुआ हो तब यह आसान करना बेहद ही लाभप्रद होता है.

पश्चिमोत्तानासन आसान में पश्चिम शब्द से तात्पर्य है पीछे का भाग याने की पीठ. इस आसान को करते वक्त पीठ में खिंचाव उत्पन्न होता है. इसलिए इस योगासन को पश्चिमोत्तानासन कहा गया है.इस आसान को महत्वपूर्ण और आव्यशक आसनो में से एक माना गया है. इसे करने से शरीर की सारी मांशपेशियों पर खिंचाव बनता हैं. यहाँ तक की कुण्डिलिनी जागरण विधि में भी इसका बहुत महत्व है. इससे मेरूदंड में लचक आती है और रीढ़ की हड्डी झुकती नहीं है।

इस आसान को करने से बुढ़ापे में भी व्यक्ति तनकर चलता है. इसके अलावा इसे करने के और भी कई फायदे है. तो आइये जाने 

Paschimottanasana Benefits पश्चिमोत्तानासन के लाभ

  1. पश्चिमोत्तानासन पेट के कई रोग जैसे कब्ज, गैस की समस्या आदि में लाभदायक है.
  2. यह आसान मोटापे को घटाने और नितम्बों को सुडौल बनाने में मददगार है.
  3. इसे करने से बौनापन दूर होता है और यह बवासीर आदि रोगों में भी लाभकारी है.
  4. इस आसान के नियमित अभ्यास से गुर्दे की पथरी दूर होती है,
  5. यह योग क्रिया बालो के लिए भी फायदेमंद है. यह बालो को कला व घना बनाने में मददगार है.
  6. जो लोग अपने पेट की चर्बी को कम करना चाहते है, उन्हें यह आसान जरूर करना चाहिए.
  7. पश्चिमोत्तानासन शरीर में मौजूद तनाव और थकान को कम करता है. इसे करने से शरीर को ताजगी मिलती है.
  8. नाभि टलने की हालत में इस आसन को करने से बड़ा लाभ होता है. इस आसन को करने से शरीर में लचीलापन आता है.
  9. इसे करने से हृदय अपना काम ठीक तरह करने लगता है जोड़ों का दर्द,  मधुमेह और स्त्रियों के गर्भाश्य सम्बन्धी रोगों में यह आसन बेहद लाभकारी है.
  10. पश्चिमोत्तानासन करने से शरीर में खून का बहाव सुचारू रूप से होता है। नतीजनत् शरीर की कमजोरी दूर हो जाती है और शरीर स्फूर्तिदायक और स्वस्थ बनता है।
  11. जिस व्यक्ति को बहुत क्रोध अधिक आता है, उसे इस आसान को करने के बाद क्रोध पर नियंत्रण करने की क्षमता बढ़ जाती है और आत्मिक शांति भी मिलती है.

पश्चिमोत्तानासन करने की विधि

  • इस आसान को करने के लिए पहले जमीं पर दरी बिछादे. अब दरी पर पीठ के बल लेट जाएं.
  • दोनों पैरों को आपस में मिलाकर रखें और अपने पूरे शरीर को बिल्कुल सीधा तान कर रखें.
  • अब दोनों हाथों को सिर की ओर ऊपर जमीन पर टिकाएं। सांस लेते हुए दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं.
  • झटके के साथ कमर के ऊपर के भाग को उठा लें, और सांस छोड़ते हुए कमर से पैरों की ओर झुकें एवं हाथों से तलवों को पकड़ने की कोशिश करे.
  • यदि Paschimottanasana Yoga Pose को लेट कर करने में परेशानी महसूस हो रही है, तो आप इसे बैठ कर भी कर सकते है. इस आसान को करते समय पेड़ू को जंघा से सटाएं. इसे करते वक्त गर्दन और कंधों में तनाव न हो इस बात का ख्याल रखना भी जरुरी है.
  • अब ऐड़ियों को आगे की और बढ़ाएं और शरीर के ऊपरी भाग को पीछे की ओर ले जाने की चेष्टा करते हुए आगे की ओर झुकें.
  • इस मुद्रा में 15 सेकेंड से 30 सेकेंण्ड तक बने रहें. फिर वापिस इस क्रिया को दोहराये. इस आसान को सिर्फ 3 बार ही करे. आप चाहे तो 1 बार इस क्रिया को करने के बाद 10 सैकेंड का आराम ले सकते.

सावधानी

ऊपर आपने जाना Paschimottanasana और इसे करने की विधि. लेकिन इस आसान को करते वक्त कुछ सावधानियों का ख्याल रखना भी जरुरी है. जैसे की यदि आपको कमर में तकलीफ हो या फिर रीढ़ की हड्डियो में परेशानी मालूम हो आपको इस योग का अभ्यास नहीं करना चाहिए.