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तीसरे दिन भी राजधानी सुलगती रही, 10 की मौत और 186 लोग घायल

 

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली तीसरे दिन भी हिंसा की आग में सुलगती रही। दिल्ली के अति संवदेनशील माने जाने वाले उत्तर-पूर्वी जिले में तीसरे दिन भी हालात बेकाबू रहे। मंगलवार को हुई ताजा हिंसा में पांच और लोगों की मौत हो गई जबकि कुल 186 लोग घायल हो गए। अब हिंसा में मरने वालों की संख्या कुल 10 हो गई है। घायलों को जीटीबी अस्पताल के अलावा दूसरे सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। घायलों में 56 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। घायलों में आधे लोग गोली लगने से घायल हैं।

उत्तर-पूर्वी जिले में एक माह तक धारा-144 लागू होने के बाद भी सोमवार रात भर चली छुटपुट हिंसा के बाद मंगलवार दिन चढ़ते ही पूरे जिले में बवाल बढ़ गया। उपद्रवियों ने दूसरे समुदाय के मकानों व दुकानों को निशाना बनाकर लूटपाट व आगजनी शुरू कर दी। सबसे ज्यादा हालात मौजपुर और कर्दमपुरी में खराब दिखे। यहां उपद्रवी एक दूसरे पर आमने-सामने से फायरिंग करते रहे। पुलिस उपद्रवियों को खदेड़ने के लिए लगातार आंसू गैस के गोले दागती रही। जब बात नहीं बनी तो दोपहर बाद अर्धसैनिक बलों की 35 कंपनियों को बुलाया गया। देर शाम तक पुलिस हालात को सामान्य बनाने में लगी थी।

डीजे चलाकर की धार्मिक नारेबाजी

उत्तर-पूर्वी दिल्ली के ब्रह्मपुरी, बाबरपुर, मौजपुर, कर्दमपुरी, सुदामापुरी, घोंडा चौक, करावल नगर, मुस्तफाबाद, चांदबाग, नूरे इलाही, भजनपुरा, गोकुलपुरी के अलावा जाफराबाद व सीलमपुर में पूरी रात लोगों ने जागकर गुजारी। सुबह होते ही एक बार उपद्रवी सड़क पर आ गए। लोगों ने धार्मिक नारेबाजी शुरू कर दी। कुछ लोगों ने मौजपुर चौक पर जोर-जोर से डीजे चलाकर धार्मिक नारेबाजी शुरू कर दी। दोनों ओर से भीड़ जुटने लगी। इसके बाद दोनों समुदाय के लोगों ने एक दूसरे पर पथराव करने के साथ ही गोलियां चलाना शुरू कर दिया। पुलिस एक ओर से उपद्रवियों को खदेड़ती तो दूसरी ओर से दंगाई आकर गोलियां चलाने लगते। दोपहर तक मौजपुर और कर्दमपुरी, सुदामापुरी में रह-रहकर फायरिंग होती रही। बवाल के दौरान मंगलवार को सबसे अधिक मौतें यहीं हुई। दर्जनों लोगों को यहां गोलियां भी लगी। उधर, करावल नगर मेन रोड पर उपद्रवियों ने दुकानों व मकानों में आगजनी करने के अलावा लूटपाट करना शुरू कर दी। यही हाल मौजपुर, नूरे इलाही में भी हुआ। लोगों ने एक-दूसरे के समुदायों की दुकानों को चुन-चुनकर आग के हवाले करना शुरू कर दिया।

इतने खराब हालात तो 1984 में भी नहीं थे

हालांकि बलवे के दौरान कुछ उपद्रवियों को बुजुर्ग समझाते भी दिखे लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। मौजपुर में मौजूद एक बुजुर्ग हाजी सलमान ने बताया कि इतने खराब हालात तो 1984 में भी नहीं थे। उस समय बलवे की अफवाह ज्यादा उड़ाई जाती थी। अब तो हालात बहुत ज्यादा खराब हैं। दूसरी ओर भीड़ ने एक धार्मिक स्थल में घुसकर तोड़फोड़ करने के अलावा उसे आग के हवाले कर दिया गया। घोंडा चौक पर एक मिनी बस में आग लगाने के अलावा कई ई-रिक्शा, बाइक व कई अन्य वाहन फूंक दिए गए। उपद्रवियों ने पूरे उत्तर-पूर्वी जिले में 100 से अधिक दुकानों में लूटपाट व आगजनी की है। दोपहर करीब तीन बजे के बाद सीआरपीएफ, आरएएफ और एसएसबी की कई कंपनियों को जिले में बुलाकर हालात को काबू करने का प्रयास किया जा रहा था। खुद कई स्पेशल सीपी जिले में हालात पर नजर रखे हुए थे। इसके अलावा पूरे जिले में जगह-जगह फ्लैग मार्च निकाले जा रहे थे।

अब तक कुल 11 एफआईआर दर्ज हुई

दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता मंदीप सिंह रणधावा ने बताया कि मंगलवार को भी जिले के कुछ हिस्सों में हिंसा हुई जिसमें अब तक कुल 10 लोगों की मौत हुई है और 186 लोग घायल हो गए। घायलों में दो आईपीएस अधिकारी समेत कुल 56 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। पुलिस ने जिले के अलग-अलग थानों में अब तक कुल 11 एफआईआर दर्ज की हैं, इसमें हिंसा करने, पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान, पुलिस पर हमला, हत्या, हत्या के प्रयास जैसी धाराएं जोड़ी गई हैं। उन्होंने कहा कि उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।