Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

दूसरे दिन नृत्य प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने बिखेरे जलवे नाटक कोर्ट मार्शल से जातिवाद व सामंतवादी व्यवस्था पर की चोट

सिरसा।(सतीश बंसल) हरियाणा कला परिषद् एवं स्टेज ऐप के तत्वावधान में जेसीडी विद्यापीठ और केएल
थियेटर, सिरसा के संयुक्त संयोजन में 11 अक्तूबर 2022 से 14 अक्तूबर 2022 तक तीसरे नाट्य महोत्सव
अनुभाव रंग महोत्सव के दूसरे दिन सुबह 10 बजे से दोपहर दो बजे तक इंटर कॉलेज और इंटर स्कूल की नृत्य
प्रतियोगिता हुई। इस प्रतियोगिता में सिरसा के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों से विद्यार्थियों ने भाग लेकर अपनी
प्रतिभा का प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता में भांगड़ा, हरियाणवी नृत्य, बॉलीवुड व अन्य तरह के नृत्य कलाओं की
बेहतरीन प्रस्तुतियां प्रतिभागियों द्वारा दी गई। मौजूदा दर्शकों ने इस कार्यक्रम का खूब आनंद लिया। इस दौरान
केएल थियेटर के निदेशक कर्ण लढा ने कहा कि इस प्रतियोगिता का उद्देश्य न केवल विद्यार्थियों को सही मंच
दिलाना है, बल्कि उनके अंदर छुपी प्रतिभा को सबके सामने लाना है, जिससे ऐसे विद्यार्थियों को ऐसे कार्यक्रमों में
भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके, जिससे वे अपनी प्रतिभा में और निखार ला सकें। इस दौरान कुणाल
मॉयल में बतौर मंच संचालन की भूमिका निभाई। इसी कड़ी में शाम 7.15 बजे स्वदेश दीपक द्वारा लिखित व
केएल थियेटर के निदेशक कर्ण लढा द्वारा निर्देशित नाटक कोर्ट मार्शल का मंचन हुआ।
नाटक में एक बॉर्डर पर तैनात सिपाही की ड्यूटी की कहानी को दर्शाया गया। नाटक में रामचंद्र नामक जवान को

कुछ अधिकारी जातिवाचक गलियां देकर बार-बार अपमानित करते हैं। बार-बार अपमानित किए जाने पर एक दिन
वह उन दो अफसरों पर गोली चला देता है। इनमें से एक अधिकारी की मौत हो जाती है, जबकि दूसरा घायल हो
जाता है। इस पर जवान रामचंद्र का कोर्ट मार्शल किया जाता है। इस प्रकार नाटक के माध्यम से दिखाया गया किस
प्रकार से जातिवाद और सामंतवादी घटिया प्रवृत्ति को दर्शाया गयाए जो कि आज भी समाज को कहीं न कहीं
खोखला कर रही है। कलाकारों के अभिनय को देखकर दर्शकों ने खूब तालियां बजाई। कार्यक्रम में मौजूद डा. शमीम
शर्मा एमडी जेसीडी विद्यापीठ ने नाटक के उपरांत अपने वक्तव्य से नाटक की प्रशंसा करते हुए कहा कि स्वदेश
दीपक का ये नाटक बहुत ही स्देशात्मक और भावनात्मक नाटक है, जो समाज की घटिया जातिवाद और
सामंतवादी व्यवस्था पर करारी चोट करता है। ऐसे नाटकों का मंचन होते रहना चाहिए। साथ ही उन्होंने नाटक के
निर्देशक को नाटक के सफल मंचन की बधाई दी और ऐसे ही समाज को आईना दिखाने वाले नाटक करते रहने के
लिए शुभकामनाएं दी। इस दौरान मुख्य रूप से डा. जयप्रकाश प्रिंसीपल बीएड कॉलेज जेसीडी, डा. शिखा गोयल
प्रिंसीपल मैमोरियल कॉलेज, बी बी प्रधान एम डी बायोकॉल्स प्राईवेट लिमिटेड के सीजीएम डा. विशाल वत्स,
प्रिंसीपल विकास हाई स्कूल, प्रसिद्ध साहित्यकार राजकुमार निजात, संस्कार भारती हरियाणा शाखा सिरसा से
उपाध्यक्ष गोकल चंद, सदस्य सतीश कंदोई, मदन वर्मा मुख्य रूप से शामिल रहे।