नई दिल्ली। कहा जाता है कि फिल्में हमारे समाज का आईना होती हैं और इन फिल्मों की कहानियों से सीख लेकर हम समाज में बहुत से बदलाव कर सकते हैं। हाल ही में नीमच के जिला एवं सत्र न्यायाधीश हृदयेश श्रीवास्तव ने भी फिल्म सुपर 30 देखने के बाद प्रभावित होकर कमाल का फैसला लिया है। उन्होंने फिल्म के पात्र आनंद कुमार की तरह ही कुछ नया करने की ठान ली.
दरअसल हृदयेश श्रीवास्तव ने नीमच कोर्ट में पदस्थ अन्य जजों से चर्चा कर सिविल जज बनने के लिए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में जुटे छात्रों को निःशुल्क पढ़ाने का फैसला किया है। अब जिला जज हृदयेश के नेतृत्व में नीमच कोर्ट के अन्य जजों ने मिलकर उन बच्चों को पढाना शुरू किया है, जो न्यायिक सेवा की परीक्षा की तैयारी में जुटे हुए हैं।
उन्होंने ऐसे छात्रों का चयन किया है, जो कि आर्थिक स्थिति के बेहतर न होने के कारण अपनी पढ़ाई पूरी नही कर पाते हैं और पैसे के अभाव में वह अच्छे और महंगे कोचिंग सेंटर नहीं जा पाते हैं। जस्टिस हृदयेश इस तरह के 18 बच्चों के लिए नीमच कोर्ट परिसर में ही हफ्ते में चार दिन अपने साथी जजों के साथ मिलकर क्लास चला रहे हैं। इनमें बच्चों की परीक्षा की तैयारी कराने के दौरान सफलता के लिए अपने अनुभव और टिप्स भी उनके साथ शेयर किए जाते हैं। वहीं जजों की इस पहले से प्रतियोगी छात्र भी काफी खुश हैं।