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उप्र में 16 तक मानसून के सक्रिय रहने के संकेत, नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी

 

 

 

 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मानसून की सक्रियता अभी 16 जुलाई तक बनी रह सकती है। इस बीच लगातार बारिश के चलते उफनाई नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी है।

आंचलिक मौसम केंद्र के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश के अधिकतर जिलों में 16 जुलाई तक रुक-रुक कर बारिश की संभावना है। उन्होंने बताया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के आसपास के इलाकों में कम हवा का एक दबाव क्षेत्र बना हुआ है, जिसकी वजह से इस समय समूचे उत्तर प्रदेश में मानसून सक्रिय है।

पिछले कई दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण प्रदेश में राप्ती, सरयू, गंगा और यमुना समेत अन्य नदियों के जलस्तर में तेजी से इजाफा हो रहा है। इसके चलते तटीय इलाकों में बाढ़ की स्थिति बनती जा रही है।

श्रावस्ती जिले में राप्ती खतरे के निशान से 25 सेंमी ऊपर बह रही है। इसे देखते हुए आस-पास के गांवों को सतर्क कर दिया गया। नदी के उफान से जमुनहा क्षेत्र के गंगाभागड़, कोदिया, कककलवा समेत करीब एक दर्जन आदि गांवों में बाढ़ का पानी भर गया।

इसी तरह सरयू के जलस्तर में भी वृद्धि जारी है। गोंडा जिले में सरयू का जलस्तर चेतावनी के निशान को पार कर गया है। इससे जिले के तटीय इलाके में लोगों के बीच बाढ़ की दहशत फैलने लगी है।

बारिश के चलते प्रदेश भर में जान-माल का खतरा भी सताने लगा है। शासन से जारी रिपोर्ट के अनुसार पिछले बीते दो दिनों में अतिवृष्टि और अन्य दैवीय आपदाओं के चलते प्रदेश भर में 15 लोगों से ज्यादा की जान चली गई। वहीं तमाम लोग हताहत भी हुए है। सरकारी सूचना के अनुसार लगातार बारिश के चलते इस दौरान 133 मकान भी क्षतिग्रस्त हो गये। हालांकि शासन की तरफ से बाढ़ प्रभावित लोगों को तत्काल राहत पहुंचाने के लगातार निर्देश भी जारी किये जा रहे हैं।