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मोदी सरकार ने गांधी परिवार से वापस ली एसपीजी सुरक्षा, अब मिलेगी Z+ सिक्योरिटी

 

 

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की सुरक्षा में तैनात स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) की अतिविशिष्ट सुरक्षा व्यवस्था को वापस ले लिया है। अब से यह परिवार दूसरी श्रेणी की जेड प्लस सुरक्षा में रहेगा। सरकार के इस फैसले के बाद अब केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एसपीजी सुरक्षा के घेरे में रहेंगे।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गांधी परिवार के सुरक्षा खतरे की समीक्षा करने के बाद एसपीजी कवर हटाने का फैसला किया। ये लोग अब जेड प्लस सुरक्षा के तहत केंद्रीय सुरक्षा बल (सीआरपीएफ) के कमांडो की सुरक्षा में रहेंगे।

एसपीजी का गठन प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा के लिए वर्ष 1985 में किया गया था। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद एसपीजी के गठन की जरूरत महसूस की गई थी, जिसके तहत प्रधानमंत्री तथा अन्य व्यक्तियों को सुरक्षा के कई घेरों के बीच रखा जाता है। इस सुरक्षा व्यवस्था के तहत बुलेट प्रूफ वाहन मुहैया कराने के साथ ही गंतव्य स्थान और यात्रा मार्ग को सुरक्षित बनाया जाता है। प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने वर्ष 1989 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली थी। वर्ष 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार के सदस्यों को कम से कम दस वर्ष तक एसपीजी सुरक्षा प्रदान करने का प्रावधान किया गया।

अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में वर्ष 2003 में कानून में संशोधन किया गया, जिसके तहत एसपीजी कवर को अगले दस वर्ष के लिए स्वतः बढ़ाए जाने के स्थान पर केवल एक वर्ष और बढ़ाने का प्रावधान किया गया। उसके बाद हर वर्ष सुरक्षा खतरे के आधार पर एसपीजी जारी रखने या हटाने का प्रावधान शामिल था। स्वयं वाजपेयी को जीवन पर्यंत एसपीजी सुरक्षा हासिल थी।

सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की एसपीजी सुरक्षा भी प्रतिवर्ष होने वाले आंकलन के आधार पर लगातार जारी रही। सरकार ने इन लोगों को सुरक्षा खतरे के नवीनतम आंकलन के आधार पर एसपीजी हटाने का फैसला किया गया। यह लोग अब जेड प्लस सुरक्षा में रहेंगे।

देश में इस समय छह प्रकार की सुरक्षा श्रेणियां एक्स, वाई, वाई प्लस, जेड, जेड प्लस और एसपीजी हैं। एक्स श्रेणी में सुरक्षित व्यक्ति कोे केवल एक हथियार बंद सुरक्षाकर्मी मुहैया कराया जाता है। वाई श्रेणी में दो सुरक्षाकर्मी और वाई प्लस में तीन सुरक्षाकर्मी दिए जाते हैं। जेड सुरक्षा में आठ सुरक्षाकर्मी तथा जेड प्लस में आवास सुरक्षा सहित करीब 20 सुरक्षाकर्मी मुहैया कराए जाते हैं। यह सुरक्षाकर्मी मुख्य रूप से अतिविशिष्ट के साथ चलते हैं। जबकि एसपीजी में विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों से चुने गए अति प्रशिक्षित तीन हजार सुरक्षा कर्मी होते हैं। इनके पास आधुनिकतम हथियार होते हैं तथा इनके सुरक्षा संबंधी कड़े नियम होेते हैं। सुरक्षा खतरे का आंकलन केंद्रीय गृह मंत्रालय करता है। यह आंकलन इंटेलीजेंस ब्यूरोे और विदेश खुफिया एजेंसी रॉ से मिली सूचनाओं के आधार पर किया जाता है।