Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

LU – LU executive council board Proposal to reduce UG course fees by 25%, approval for 4-year undergraduate course under NEP | UG कोर्स की फीस में 25 फीसदी तक कमी के प्रस्ताव पर लगी मुहर,NEP के तहत 4 साल के स्नातक कोर्स को मिली मंजूरी

[ad_1]

लखनऊ26 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
LU कार्य परिषद की बैठक में मंगलवार को UG कोर्स की फीस में 25 फीसदी कमी लाने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई है - प्रतीकात्मक चित्र - Dainik Bhaskar

LU कार्य परिषद की बैठक में मंगलवार को UG कोर्स की फीस में 25 फीसदी कमी लाने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई है – प्रतीकात्मक चित्र

मंगलवार को लखनऊ विश्वविद्यालय की कार्य परिषद और विद्या परिषद की बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लगी।LU ने एफिलिएटेड कॉलेज के स्टूडेंट्स को बड़ी सौगात देते हुए अंडरग्रेजुएट स्टूडेंट्स की फीस में 25 फीसद से ज्यादा की कमी लाने का प्रस्ताव बैठक में पास हो गया।इसके अलावा बैठक में नई शिक्षा नीति के अनुरूप तैयार किए गए चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम को भी मंजूरी दे दी।

विद्या परिषद और कार्य परिषद की बैठक में हुआ अहम फैसला

मंगलवार को कुलपति प्रो.आलोक कुमार राय की अध्यक्षता में हुई विद्या परिषद और कार्य परिषद की बैठक में यूनिवर्सिटी से सम्बद्ध महाविद्यालयों में अंडरग्रेजुएट स्टूडेंट्स की फीस में 25 फीसदी से ज्यादा की कमी किए जाने का प्रस्ताव पास हो गया।यह सुविधा नए सत्र 2021-22 से लागू होगी।फीस में कमी एनरॉलमेंट और एग्जामिनेशन फीस में लागू होगी।विश्वविद्यालय के इस निर्णय से लखनऊ,हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर खीरी व रायबरेली के करीब चार सौ से ज्यादा कॉलेजों के स्टूडेंट्स को रियायत मिलेगी।

यहां के कॉलेज स्टूडेंट्स को मिलेगी राहत

LU से राजधानी लखनऊ के 173 कालेज एफिलिएटेड हैं।इसके अलावा हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर खीरी व रायबरेली जनपदों के भी करीब तीन सौ से ज्यादा कालेज भी अब इसी से एफिलिएट हुए है।अभी तक यह कॉलेज कानपुर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध हुआ करते थे पर अब LU से एफिलिएट होने के कारण दोनों यूनिवर्सिटी के फीस स्ट्रक्चर में ज्यादा डिफरेंस की वजह से स्टूडेंट्स व पेरेंट्स पर आर्थिक बोझ पड़ता दिख रहा है।इस बीच कालेजों ने लखनऊ विश्वविद्यालय का अधिक शुल्क होने पर नाराजगी जताते हुए डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा से गुहार लगाई थी।हालांकि इस कदम से उन्हें बड़ी राहत मिलती नजर आ रही है।यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता दुर्गेश श्रीवास्तव के मुताबिक मंगलवार को बैठक में विश्वविद्यालय से सम्बद्ध इन सभी कालेजों में स्नातक छात्रों की फीस 25 फीसदी से ज्यादा कम करने पर फैसला लिया गया। यह व्यवस्था प्रति सेमेस्टर लागू होगी।इसके अलावा LU कैंपस में पढ़ने वाली अनुसूचित जनजाति की छात्राओं के समस्त शुल्क जैसे ट्यूशन फीस, परीक्षा शुल्क, खेलकूद फीस तथा हॉस्टल की फीस को भी माफ करने की अनुमति दी गई।

चार साल का नया स्नातक कोर्स पास

कार्य परिषद की बैठक में न्यू एजुकेशन पॉलिसी यानी नई शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत तैयार किए गए चार वर्षीय UG पाठ्यक्रम को भी मंजूरी दे दी गई।नए पाठ्यक्रम में एंट्री और एग्जिट के साथ-साथ स्टूडेंट्स के स्किल डेवलपमेंट और को-करिकुलर एक्टिविटी को भी जगह दी गई है।इसके अलावा लॉ के पाठ्यक्रम में भी स्किल डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के साथ-साथ बीबीए टूरिज्म के सातवें सेमेस्टर में एडवेंचर एंड वाइल्ड लाइफ और वेल्नेस एंड मेडिकल टूरिज्म को जोड़ा गया है। इनमें से कोई विषय लेने का विकल्प रहेगा।

NCC की पढ़ाई पर होगा जोर

लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राएं अभी तक एनसीसी को एक्टिविटी के तौर पर लेते थे।पहली बार इसका पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक यह कोर्स डिफेंस स्टडीज विभाग के अंतर्गत संचालित होगा। इसका क्रेडिट और वेटेज भी मिलेगा।

विभाग तैयार कर रहे वोकेशनल कोर्स

लखनऊ विश्वविद्यालय में स्टूडेंट्स को रोजगारपरक बनाने के लिए कई विभाग वोकेशनल कोर्स तैयार कर रहे हैं।एकेडमिक काउंसिल की बैठक में इस पर भी चर्चा हुई।बाटनी विभाग ने दो वेकेशनल कोर्स तैयार किए हैं।

दो फैकल्टी बने प्रोफेसर

हाईकोर्ट के आदेश के बाद मंगलवार को कार्यपरिषद में शिक्षा शास्त्र विभाग के दो शिक्षकों डा. अरुण कुमार और डा. सरवन के पदोन्नति के लिए चयन समिति का लिफाफा खोला गया।दोनों को प्रोफेसर के पद पर प्रोन्नति दे दी गई।लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के मुताबिक पूर्व कुलपति डा. एस पी सिंह ने दोनों शिक्षकों की प्रोन्नति की चयन समिति की थी। लेकिन बाद में कार्यवाहक कुलपति शैलेश कुमार शुक्ला के समय कार्य परिषद ने चयन समिति के लिफाफे राजभवन को भेज दिए थे।

खबरें और भी हैं…
[ad_2]
Source link