विश्वकप से राउंड रोबिन की सबसे बेहतरीन टीम बाहर हुई तो फैंस के चेहरे मायूस पड़ गए। जिस तरह का खेल टीम इंडिया दिखा रही थी ऐसा लग रहा था मानो न्यूजीलैंड एकतरफा यह मुकाबला हार जाएगी। लेकिन 45 मिनट के खेल ने भारत की मुश्किलें बढ़ा दी थी जब दोनों सलामी बल्लेबाज और विराट कोहली आउट हो पवेलियन लौट गए।
लोगों का कहना था कि इस टीम के साथ विश्वकप जीतना आसान होगा। यह टीम शानदार हैं लेकिन सेमीफइनल की हार ने सब बदल कर रख दिया। सोशल मीडिया पर साफ जाहिर हो रहा था कि टीम से कितनी उम्मीद लगाई जा चुकी थी।
लेकिन इस हार में कही 2023 विश्वकप की कहानी तो नहीं थी। क्योंकि 2011 से जो ट्रेंड भारतीय टीम ने शुरू किया वो आज सही साबित होता दिख रहा हैं।
2011 विश्वकप
इस टूर्नामेंट से पहले यह अंदाजा लगा दिया गया था कि भारत यह विश्वकप नहीं जीत पाएगा। क्योंकि 2011 से पहले तक विश्वकप का इतिहास यह दर्शा रहा था कि मेजबान आज तक इस किताब को हासिल नहीं कर पाए हैं। लेकिन इस इतिहास को धोनी की ब्रिगेड ने बदल कर रख दिया। 2011 में मेजबान भारत इतिहास में पहली बार मेजबानी करते हुए विश्व विजेता बना।
2015 विश्वकप
यह विश्वकप 2015 में ऑस्ट्रेलिया में हुआ। इस विश्वकप के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने डिफेंडिंग चैंपियन भारत को हरा विश्वकप अपने नाम कर लिया। इस तरह एक बार फिर मेजबान टीम विश्व विजेता बन गई।
2019 विश्वकप
2019 में मेजबान था इंग्लैंड। वो देश जिसने आज तक कभी विश्वकप अपने नाम नहीं किया। एक बार फिर सेमीफइनल में डिफेंडिंग चैंपियन ऑस्ट्रलिया को हरा इंग्लैंड विश्व विजेता बन गया। यानी मेजबान द्वारा विश्वकप जीतने का ट्रेंड बरकरार रहा।
2023 विश्वकप
यानी अगला विश्वकप भारत मे होना हैं। तो मेजबान भारत इस ट्रेंड के हिसाब से 2023 विश्व चैंपियन बन सकता हैं।