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अटल के खिलाफ लखनऊ से चुनाव लड़े थे जेठमलानी

 

लखनऊ। वरिष्ठ वकील और पूर्व कानून मंत्री राम जेठमलानी का रविवार सुबह 95 साल की उम्र में निधन हो गया। राम जेठमलानी लंबे समय से बीमार थे। वह लगभग एक हफ्ते से बहुत ज्यादा बीमार थे और अपने बेड से भी नहीं उठ पा रहे थे। बीमारी के कारण बेहद कमजोर भी हो गए थे।

सुप्रीम कोर्ट के सबसे महंगे वकील रहे जेठमलानी ने कई मामलो में बिना शुल्क लिए भी कई केस लड़े। राम जेठमलानी का जन्म 14 सितम्बर 1923 को ब्रिटिश भारत के शिकारपुर शहर में जो आजकल पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त में है, भूलचन्द गुरुमुखदास जेठमलानी व उनकी पत्नी पार्वती भूलचन्द के यहां हुआ था। बंटवारे के बाद वे भारत आ गए थे।

अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ लड़े थे चुनाव

छठवीं व सातवीं लोकसभा में जेठमलानी भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर मुंबई से दो बार चुनाव जीते। उन्हें अटल बिहारी बाजपेयी सरकार में केन्द्रीय कानून मन्त्री व शहरी विकास मन्त्री भी बनाया गया था। विवादित बयानों के चलते उन्हें भाजपा से निकाल दिया गया था। तब उन्होंने वाजपेयी के ही खिलाफ लखनऊ लोकसभा सीट से 2004 का चुनाव लड़ा लेकिन हार गये थे। 7 मई 2010 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का अध्यक्ष चुना गया। 2010 में उन्हें फिर से भाजपा ने पार्टी में शामिल कर लिया और राजस्थान से राज्य सभा का सांसद बनाया।

13 साल में मैट्रिक 17 में एलएलबी

राम जेठमलानी इतने विद्वान और होनहार छात्र थे कि स्कूली शिक्षा के दौरान दो-दो क्लास एक साल में ही पास कर गए थे। इस कारण 13 साल की उम्र में ही उन्होंने मैट्रिक का इम्तिहान पास कर लिया था। 17 साल की उम्र में उन्होंने एलएलबी की डिग्री हासिल कर ली थी। उस समय वकालत करने के लिये 21 साल की उम्र जरूरी थी, मगर जेठमलानी के लिये एक विशेष प्रस्ताव पास कर 18 साल की उम्र में प्रैक्टिस करने की इजाजत दी गई। बाद में उन्होंने एससी साहनी लॉ कॉलेज कराची एलएलएम की डिग्री प्राप्त की।

दो शादी

18 साल के होते ही राम जेठमलानी की शादी कर दी गई थी। उनकी पहली पत्नी का नाम दुर्गा है। भारत-पाकिस्तान बंटवारे के कुछ ही दिन बाद उन्होंने रत्ना साहनी नाम की एक महिला वकील से दूसरी शादी कर ली थी। उनकी दोनों पत्नियों से कुल चार बच्चे हैं-रानी, शोभा और महेश, तीन दुर्गा से तथा एक जनक, रत्ना से।