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कैप्टन कूल ने आज के ही दिन भारत को बनाया था टी20 क्रिकेट का चैंपिनय, जिताया था पहला विश्वकप

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट इतिहास के लिए 24 सितंबर का दिन बेहद खास है, क्योंकि इसी दिन भारतीय टीम टी20 के पहले ही विश्वकप में पहली विश्व विजेता टीम बनी थी। महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत ने पहली बार टी20 चैंपिनय बनने का स्वाद चखा था। 12 साल पहले यानी 24 सितंबर 2007 को हो भारत ने अपन चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को टी20 विश्वकप टूर्नामेंट के फाइनल में हराकर खिताब अपने नाम किया था।

उस रोमांचक मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान पर महज 5 रन से जीत दर्ज की थी और पूरी दुनिया को अपनी धमक का अहसास कराया था। हालांकि किसी ने भी भारत को इस जीत का दावेदार नहीं माना था लेकिन कुशल रणनीतिकार और कैप्टन कूल कहे जाने वाले पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने असंभव को संभव करके दिखा दिया था। हालांकि उसके बाद से अभी तक भारत कभी दोबारा इस विश्वकप को जीतने में असफल ही रहा है।

इस टूर्नामेंट में भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी। पहला मैच जहां बारिश के कारण धुल गया था, तो दूसरा मैच सुपर ओवर तक गया और तीसरे मैच में भारत को हार का सामना करना पड़ा। हालांकि चौथे मैच के बाद से भारत ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक के बाद एक जीत हासिल की। वहीं टूर्नामेंट के फाइनल में भारत की भिड़ंत पाकिस्तान से हुई।

जोहानिसबर्ग में खेले गए फाइनल में सिक्का धोनी के पक्ष में गिरा लेकिन टीम के बल्लेबाजों में केवल गौतम गंभीर और रोहित शर्मा ने ही लाजवाब प्रदर्शन किया और बाकी सभी बल्लेबाज फ्लॉप रहे। गंभीर ने 54 गेदों में 75 रन की पारी खेली और रोहित भी 16 गेंदों पर 30 रन बनाकर नाबाद लौटे थे।

भारत ने पाकिस्तान के सामने 157 रनों का लक्ष्य रखा था। वहीं पाकिस्तान की ओर से भी कोई भी खिलाड़ी बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहा। पाकिस्तान ने 77 रन के कुल स्कोर पर 6 विकेट गंवा दिए थे लेकिन मिस्बाह उल हक के मंसूबे कछ अलग ही थे। वह अंतिम गेंद तक डटे रहे और अपनी टीम को लक्ष्य के काफी करीब ले गए लेकिन उस मैच के स्टार गेंदबाज रहे जोगिंदर शर्मा के ओवर की तीसरी गेंद पर मिस्बाह ने स्कूप शॉट खेलना चाहा लेकिन गेंद ने उन्हें चकमा दिया और वह सीधा श्रीसंत के हाथों में जा गिरी और इस तरह से भारत पहली बार टी20 का चैंपियन बना और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का नाम भारतीय क्रिकेट के इतिहास में अमर हो गया।