नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन और केंद्र सरकार से पूछा है कि आखिर कब तक इलाके में प्रतिबंध और इंटरनेट बैन जारी रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों को पांच नवम्बर को हलफनामे के जरिए साफ जवाब देनेऔर समय सीमा बताने का निर्देश दिया है।
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के अवलोकन का असर सीमा पार में भी होगा। केंद्र सरकार ने कहा कि वह रोजाना स्थिति की समीक्षा कर रही है। तुषार मेहता ने कहा कि इंटरनेट शुरू करने का सीधा संबंध आतंकी घटनाओं की बढ़ोतरी से है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के 90 फीसदी इलाकों में लोगों की आवाजाही पर से रोक हटा लिया गया है।
पिछले 16 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान जवाब न दाखिल करने पर सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर सरकार को फटकार लगाई थी। जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा था कि हम प्रशासनिक आदेश देखना चाहते हैं।
याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया था कि राज्य में फोन पर पाबंदी के दौरान मोबाइल कंपनियों की ओर से पोस्टपेड कनेक्शन के बिल मांगे जा रहे हैं। तब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पाबंदी के दौरान के पोस्टपेड कनेक्शन के बिल माफ करने पर विचार करने का निर्देश दिया था।