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हिंदी भारत की एकता और अखंडता की पहचान हैै

 

हिंदी भारत की एकता और अखंडता की पहचान हैै 

 

हमारे देश में दिवस हर वर्ष 14 सितंबर को मनाया जाता है, हिंदी दिवस के दौरान शिक्षण संस्थान सरकारी ऑफिस अन्य संस्थानों में कई कार्यक्रम मनाए जाते हैं, इस दिन छात्र छात्राओं को हिंदी के प्रति सम्मान और दैनिक व्यवहार में हिंदी के उपयोग करने की शिक्षा दी जाती हैं, हिंदी दिवस हमारी मातृभाषा हिंदी के सम्मान में समर्पित होती है।

इस दिवस को हिंदी भाषा को बढ़ावा प्रदान करने के लिए मनाया जाता है इसका प्राथमिक उद्देश्य हिंदी भाषा की संस्कृति को बढ़ावा देना और फैलाना है।

आज ही के दिन हिंदी को संवैधानिक रूप से भारत के अधिकारी भाषा का दर्जा मिला था, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता वाली संविधान सभा की मसौदा समिति के सामने संविधान में नए राष्ट्र के अधिकारिक भाषा का मुद्दा भी अहम था।

हिंदी को राजभाषा चुनना आसान नहीं था, कई  हिंदी समर्थकों ने रेलियां की थी जिनमें राजेंद्र सिन्हा हजारी प्रसाद द्विवेदी मैथिलीशरण गुप्त और सेठ गोविंद दास का हम योगदान था।

14 सितंबर 1949 को व्यौहार राजेंद्र सिन्हा के 50 वें जन्मदिन पर हिंदी को आधिकारिक भाषा चुना गया, पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया, हिंदी दुनिया की चौथी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।