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हिंदी दिवस पर उससे जुड़ी जाने खास बात, इसलिए मनाई जाती है हिंदी दिवस

l हिंदी भाषा को शिखर की ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए इसे प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है l

26 जनवरी 1950 को संविधान में हिंदी भाषा को अधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया गया- 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा फैसला लिया गया कि हिंदी भी केंद्र सरकार की आधिकारिक भाषा होगी l जिसके बाद 26 जनवरी 1950 को संविधान मे हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार कर लिया गया l

राजेंद्र सिंह के अथक प्रयास के बाद हिंदी को देश का बनाया गया आधिकारिक भाषा- राजेंद्र सिंह ने दूसरे साहित्यकारों आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी, काका कालेकर, मैथिलीशरण गुप्त, सेठ गोविंद दास के साथ मिलकर हिंदी को देश का आधिकारिक भाषा बनवाने मैं अथक योगदान दिया l जिसके बाद 14 सितंबर को संविधान सभा ने हिंदी भाषा को देश की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया l

राजेंद्र सिंह के जन्म दिवस पर पहली बार मनाया गया हिंदी दिवस- 26 जनवरी 1950 में हिंदी भाषा को आधिकारिक भाषा स्वीकार करने के 3 साल बाद 14 सितंबर 1953 को राजेंद्र सिंह के जन्म दिवस पर पहली बार हिंदी दिवस मनाया गया l जिसके बाद से पूरे देश भर में 14 सितंबर को हर साल हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा l

इस दिन राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है राजभाषा पुरस्कार-हिंदी दिवस पर हर साल देश के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति द्वारा हिंदी भाषा समारोह के दौरान में भाषा के प्रति उनके योगदान को लेकर राजभाषा पुरस्कार से लोगों को सम्मानित किया जाता हैं l