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Birthday Special: इस आरोप की वजह देना पड़ा था इस्तीफा, जानिए और रोचक बातें

भारत के पूर्व वर्ल्ड चैम्पियन कप्तान कपिल देव सोमवार को अपना 61वां जन्मदिन मना रहे हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने कपिल देव को याद कर उन्हें जन्मदिन की बधाई दी। बीसीसीआई ने ट्वीट किया, महान ऑलराउंडर और 1983 विश्व कप विजेता कप्तान कपिल देव को जन्मदिन की बधाई।

इसके साथ ही एक फोटो भी शेयर की।  कपिल देव का जन्म 6 जनवरी 1959 को चंडीगढ़ में हुआ था। कपिल देव ने 17 साल की उम्र में क्रिकेट में डेब्यू किया था।

उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने कई ऊंचाइयों को छुआ है। कपिल देव ने टेस्ट करियर की शुरुआत पाकिस्तान के खिलाफ फैसलाबाद में 1978 में की थी। उन्होंने पहले तीन टेस्ट मैचों में सात विकेट हासिल किए थे।

दुनिया के नंबर एक गेंदबाज बने थे

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भारतीय क्रिकेट टीम में ऑलराउंडर के नाम पर कई खिलाड़ी आए और गए, लेकिन कपिल जैसा पहले कोई न था न आज है। स्विंग गेंदबाजी, बेहद चुस्त फील्डिंग और ताबड़तोड़ बल्लेबाजी ने उन्हें दुनिया का सबसे बेहतरीन ऑलराउंडर और आक्रामक खिलाड़ी बनाया।

भारत की सपाट विकटों पर विकेट निकालने में उन्हें महारत हासिल थी। जिसकी वजह से वो एक समय पर टेस्ट मुकाबलों में सबसे ज्यादा विकेट झटकने वाले दुनिया के नंबर एक गेंदबाज बने थे।

चलती ट्रेन में ही किया था प्रपोज

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कपिल देव ने रोमी भाटिया से 1980 में शादी की थी। दोनों उस वक्त 21 साल के ही थे। यह एक लव मैरिज थी। दोनों की पहली मुलाकात एक साल पहले 1979 में एक कॉमन फ्रेंड के जरिए हुई थी। शादी के 16 साल बाद कपिल देव आमिया के पिता बने।

कपिल देव और रोमी के बीच एक खूबसूरत वाक्या है। बताया जाता है कि जब कपिल ट्रेन में सफर कर रहे थे, तब ट्रेन में एक खूबसूरत लड़की गुजरी। तब कपिल ने एक लड़की से कहा, ‘क्या तुम इस जगह की तस्वीर लेना चाहोगी, जो हम अपने बच्चों को दिखा सकें। उस लड़की का नाम रोमी था।

रोमी को यह बात समझने में थोड़ी देर लगी कि कपिल उनके सामने शादी का प्रस्ताव रख रहे हैं, लेकिन उन्होंने हां कर दी। कपिल ने ट्रेन में यात्रा के दौरान रोमी के सामने अपना प्रस्ताव अपने ही स्टाईल में रखा।

इस वजह से देना पड़ा था इस्तीफा

कपिल देव को साल 1979-80 में अर्जुन अवॉर्ड, 1982 में पद्मश्री, 1983 में विसडन क्रिकेटर ऑफ द ईयर, 1991 में पद्म भूषण, 2002 में विसडन इंडियन क्रिकेटर ऑफ द सेंचुरी, इसके अलावा कपिल के योगदान को देखते हुए उन्हें 24 सितंबर 2008 को भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल का दर्जा दिया गया।

क्रिकेट से संन्यास के बाद कपिल देव को वर्ष 1999 में टीम इंडिया का कोच नियुक्त किया गया, लेकिन मनोज प्रभाकर की ओर से लगाए गए मैच फिक्सिंग के आरोप के चलते उन्होंने कोच पद से इस्तीफा दे दिया। बाद में यह आरोप गलत साबित हुए। इसके बाद कपिल ने मार्च 2004 में बतौर बोलिंग कंसल्टेंट क्रिकेट की दुनिया में वापसी की। वर्ष 2006 में उन्हें नेशनल क्रिकेट एकेडमी का चेयरमैन बनाया गया। फिलहाल कपिल देव बतौर कमेंटेटर क्रिकेट की दुनिया में सक्रिय हैं।