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सरकार की ओर से एनसीईआरटी की किताबें लगाने के आदेश , लेकिन इसकी पालना अधिकतर स्कूल नही करते- कांग्रेस आरटीआई सैल जिलाध्यक्ष संदीप सरदाना

सिरसा। निजी स्कूलों की ओर से नॉन बोर्ड क्लास के रिजल्ट देने शुरू कर दिए गए हैं। कुछ स्कूल ऐसे हैं जो रिजल्ट
जारी होने के साथ अपने यहां लगने वाली किताबों के नाम की लिस्ट भी साथ दे रहे हैं। इसमें पब्लिशर्स के नाम भी
दिए गए हैं।  शिक्षा विभाग ने एनसीईआरटी की किताबें लगाने के आदेश स्कूलों को जारी किए थे। आदेशों पर जिले
में अमल होते नहीं दिख रहा है। यह बात कांग्रेस आरटीआई सैल के जिलाध्यक्ष संदीप सरदाना ने आज एक निजी
होटल में मीडिया से रूबरू होते हुए कहीं। पत्रकारों से बातचीत में संदीप सरदाना ने कहा कि निजी स्कूलों की
मनमानी से अभिभावकों को अधिक पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। सरकार की ओर से एनसीईआरटी की किताबें लगाने
के आदेश हैं, लेकिन इसकी पालना अधिकतर स्कूल नही करते। शिक्षा विभाग भी इस मामले में सख्त एक्शन नही
लेता। किताबें भी मार्केट में आनी शुरू हो गई। छोटी क्लासेज का रिजल्ट जारी कर दिया जा रहा है। रिजल्ट जारी
होते ही किताबों की लिस्ट कुछ स्कूलों से मिल रही है। यही कारण है कि अब दुकान खुलने लगी है। एनसीईआरटी
की किताबों का रेट कम है लेकिन इन दुकानों से निजी प्रकाशकों की किताबें महंगे दाम में लेनी पड़ रही है

शिक्षा
विभाग को इस तरफ ध्यान देना चाहिए। सरदाना ने कहा कि अब इस मामले को लेकर एक लंबी लड़ाई लड़ी
जाएगी। इसकी शुरुआत हो गई हैं, और अब इस लड़ाई में अभिभावकों को शामिल किया जाएगा। सरदाना ने यह
भी कहा कि इस तानाशाही में मंत्री भी सपोर्ट कर रहे हैं तभी स्कूल संचालकों की हिम्मत बढ़ रही हैं। शिक्षा विभाग
के अधिकारी स्कूलों से हजारों रुपए कारवाई न करने के नाम पर लेते हैं।