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दिव्यांग कर्मचारियों को पदोन्नति का लाभ देने के लिए गंभीरता से कार्य कर रही है सरकार : राज कुमार मक्कड़

– राज्य आयुक्त निःशक्तजन ने बस स्टैंड, सीनियर सैकेंडरी स्कूल भावदीन, स्थानों का निरीक्षण किया
सिरसा, 21 मई।।((सतीश बंसल ) सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग हरियाणा के राज्य आयुक्त नि.शक्तजन राज कुमार मक्कड़ ने कहा कि संविधान के अनुसार सरकारी नौकरियों में दिव्यांगजनों के लिए पदोन्नति में आरक्षण देने का प्रावधान है, जिसके मद्देनजर हरियाणा सरकार ने प्रदेश में इसे लागू किया है, इस योजना का दिव्यांग कर्मचारियों को बहुत अधिक फायदा भी मिल रहा है। नियम के अनुसार सभी दिव्यांग कर्मचारियों को 18 अप्रैल 2017 तक 3 प्रतिशत तथा उसके बाद 4 प्रतिशत सभी विभागों में पदोन्नति दी जा रही हैं और दिव्यांगों को इसका फायदा मिल रहा है।

वे शनिवार को स्थानीय बस स्टेंड पर निरीक्षण के दौरान पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। तत्पश्चात उन्होंने सीनियर सैकेंडरी स्कूल भावदीन, एसबीआई हिसार रोड़, ओएचएम आदि स्थानों का निरीक्षण किया। जिला समाज कल्याण अधिकारी नरेश बत्रा, ट्रेफिक मैनेजर सुधीर कुमार, ट्रेफिक इंचार्ज राकेश कुमार, इंस्पेक्टर गजानंद, राजीव कुमार अरोड़ा, सहायक रवि मेहता मौजूद थे। उन्होंने कहा कि हरियाणा के सभी विभागों में लगभग 20 हजार दिव्यांग कर्मचारियों को पदोन्नति का लाभ मिलने जा रहा है और यह प्रक्रिया बहुत तेजी से साथ चल रही है। प्रतिदिन तीन से चार विभाग इस इस प्रक्रिया को पूरा कर रहे हैं। सरकार का लक्ष्य है कि 15 जून 2022 तक प्रत्येक पात्र दिव्यांग कर्मचारियों को पदोन्नति का लाभ मिले। इसके अलावा जो दिव्यांग कर्मचारी सेवानिवृत हो गए हैं या स्वर्गवास हो गया है, उनका वेतन व पेंशन भी रिवाइज की जाएगी, उनके आश्रितों को बढ़ी हुई पेंशन का लाभ मिलेगा। सेवानिवृत कर्मचारियों को भी उनकी बढ़ी हुई पेंशन एरियर के साथ दी जाएगी। यह सरकार की बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना है, जोकि देश के किसी भी प्रांत में शुरू नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि यदि कोई अधिकारी अपने दायित्व की पूर्ति करने में असमर्थ है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बस स्टेंड के अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रा करने वाले दिव्यांगों के लिए बस में तीन नंबर सीट का रिजर्व रखा जाए और यह सुनिश्चित करें कि उन्हें आरक्षित सीट का लाभ अवश्य मिले। उन्होंने बताया कि प्रदेश में लगभग 32 हजार ऐसे दिव्यांग विद्यार्थी है, जो स्कूल नहीं जा सकते, लेकिन उनके नाम दर्ज है, उन्हें सरकार द्वारा 1950 रुपये प्रतिमाह पेंशन दे रही है।