सिरसा
श्री गौशाला में आयोजित संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के 5वें दिन
कथावाचक ब्रह्मचारी शिवबली महाराज ने गोवर्धन पूजा का महत्व बताया। 5वें दिन की शुरूआत श्री गौशाला के
प्रबंधक राजेंद्र रातुसरिया व अन्य गणमान्य लोगों ने आरती के साथ की। कथाव्यास ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल
लीलाओं का वर्णन किया और गोवर्धन पूजा का महत्व बताया। उन्होंने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी
लीलाओं में कंस के भेजे विभिन्न राक्षसों का संहार किया। कथा के दौरान गिरिराज पर्वत की झांकी सजाई गई।
श्रद्धालुओं ने गोवर्धन जी का पूजन कर गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा की। उन्होंने कहा कि इंद्र को अपनी सत्ता और
शक्ति पर घमंड हो गया था। उसका घमंड दूर करने के लिए भगवान ने ब्रज में इंद्र की पूजा बंद कर गोवर्धन की
पूजा शुरू करा दी। इससे गुस्साए इंद्र ने ब्रजमंडल पर भारी बारिश कराई। प्रलय से लोगों को बचाने के लिए भगवान
ने कनिष्ठा उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया। सात दिनों के बाद इंद्र को अपनी भूल का अहसास हुआ। कथा
के दौरान गोवर्धन पूजन का उत्सव उल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में कथा सुनने के लिए
पहुंचे श्रद्धालुओं को आरती के बाद प्रसाद वितरित किया गया। इस मौके पर गौशाला प्रबंधक कमेटी के उपप्रधान
दीनदयाल कंदोई, महासचिव प्रेम कंदोई, सहसचिव ओमप्रकश मैहता, कोषाध्यक्ष राजकमल चमडिय़ा, सी ए राजेंद्र
अग्रवाल, राजेंद्र गनेरीवाला, सुशील बांसल रोहतक वाले उपस्थित रहे।