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जानिए, किस बेटी की शादी के लिए चिंतित थीं पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज

नई दिल्ली। चार साल पहले पाकिस्तान से भारत लाई गई गीता का नाम शायद आपको याद नहीं होगा लेकिन आज पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज के निधन के बाद शायद गीता से ज्यादा कोई और दुखी भी नहीं होगा। क्योंकि गीता सुषमा स्वराज के लिए एक बेटी की तरह थी, तो वहीं गीता के लिए सुषमा स्वराज ही सबकुछ थीं। वह उनकी मां-बाप और पूरा परिवार थीं।

ऐसा इसलिए क्योंकि चार साल पहले मोदी सरकार में भारत की विदेश मंत्री रहते हुए सुषमा स्वराज के प्रयासों के बाद ही मूक-बाधिर गीता भारत लाई जा सकी थी। जो कि पिछले कई सालों से पाकिस्तान में ही रहने को मजबूर थीं। सुषमा स्वराज के निर्देश पर ही पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त टीसीए राघवन ने ईधी फाउंडेशन जाकर गीता से मुलाकात की और उनके भारतीय होने पुष्टि की थी।

जिसके बाद उसे सभी औपचारिकताएं पूरी कर भारत लाया जा सका था। गीता को वापस लाने के बाद खुद तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उसके माता-पिता को ढूंढने का प्रयास किया था लेकिन गीता के मना करने पर उसकी जिम्मेदारी इंदौर के मूक-बाधिर संगठन को सौंप दी गई। इसके अलावा स्वराज यह भी चाहती थीं, कि गीता का विवाह किसी अच्छे शख्स से हो जाए लेकिन ऐसा हो नहीं सका। गीता की पढ़ाई से लेकर सारे खर्चे उठाने वाली पूर्व मंत्री सुषमा स्वराज अब इस दुनिया में नहीं हैं। ऐसे में गीता के लिए तो उनका पूरा परिवार ही खत्म हो गया।