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गौ माता भारतीय सभ्यता और संस्कृति की जननी, करें संरक्षण और संवर्धन : राज्यपाल

बेगूसराय। बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने देसी नस्ल की गाय के संरक्षण और संवर्धन की अपील लोगों से की है। रविवार को बेगूसराय के तेघड़ा में स्थित श्री गौशाला के 110 वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि गौ माता भारतीय सभ्यता और संस्कृति की जननी है। इनका भारत में प्राचीन काल से विशेष महत्व है तथा मां का दर्जा दिया गया है।

राज्यपाल फागू चौहान ने कहा कि पहले मनुष्य के समृद्धि की कामना गाय की संख्या से की जाती थी, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी गाय को पूजनीय बताया है तथा पूजा किया करते थे। गाय का पंचगव्य धार्मिक ही नहीं, बीमारी में भी बहुत उपयोगी है। देसी गाय की नस्ल काफी लाभकारी है, इसके रखरखाव में लागत भी कम आती है तथा दूध की गुणवत्ता अनमोल है। सभी लोगों को गाय के संवर्धन और संरक्षण का प्रयास करना चाहिए।

राज्यपाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गौ की महिमा अपरंपार है, मां का दर्जा प्राप्त गौ माता को परम तीर्थ का भी दर्जा दिया गया है, इनके एक-एक अंग में देवताओं का साक्षात निवास है। वैदिक काल से गौपालन भारतीय संस्कृति का आधार रहा है तथा संस्कृति के पांच प्रमुख प्रतीकों और आधारस्तंभ में गौ माता को प्रमुखता से स्थान दिया गया है। गाय पालन व्यक्ति ही नहीं समाज, राष्ट्र और विश्व के सर्वांगीण विकास का आधार बन सकता है, क्योंकि यह प्राचीन काल से ग्रामीण जीवन का आधार स्तंभ भी है।

राज्यपाल ने कहा कि तेघड़ा के इस ऐतिहासिक गौशाला का संचालन प्रशंसनीय और अतुलनीय प्रयास है, यह गौशाला एक दिन आदर्श गौशाला बनेगा। इस गौशाला में ना सिर्फ देसी नस्ल की गायों का उचित तरीके से पालन-पोषण किया जा रहा है। बल्कि गाय के गोबर से बायोगैस प्लांट चलता हैं और वर्मी कंपोस्ट भी बनाया जाता है। तमाम लोग भारतीय सभ्यता संस्कृति की जननी गौ माता का पालन करें, गौशाला के बेहतर संचालन पर ध्यान दें।

इससे पहले तेघड़ा प्रखंड कार्यालय मैदान में बने हेलीपैड पर डीएम अरविंद कुमार वर्मा एवं एसपी अवकाश कुमार समेत गौशाला के पदाधिकारियों ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद कड़ी सुरक्षा के बीच राज्यपाल गौशाला पहुंचे तथा निरीक्षण करने के बाद पर्यावरण संरक्षण के लिए रुद्राक्ष का पौधा भी लगाया। पौधारोपण के बाद राज्यपाल ने बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य विभाग द्वारा गौशाला परिसर में निर्मित भूसा घर एवं वर्मी कंपोस्ट शेड का उद्घाटन किया।

इस दौरान गौ पालन समेत अन्य सामाजिक क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने वाले लोगों को राज्यपाल ने गौमाता के प्रतीक चिन्ह से सम्मानित तथा गौशाला समिति द्वारा प्रकाशित स्मारिका जीवनदायिनी का विमोचन किया। कार्यक्रम का संचालन देव भूषण ईश्वर ने की, जबकि दीप प्रज्वलन के बाद स्थापना दिवस समारोह की शुरुआत एवं संबोधन के बाद समापन लोक गायक सच्चिदानंद पाठक के नेतृत्व में राष्ट्रीय गान के साथ किया गया।

कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में तेघड़ा विधायक राम रतन सिंह ने राज्यपाल से बेगूसराय में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के नाम पर विश्वविद्यालय की स्थापना करने की मांग की वही गौशाला समिति के उपाध्यक्ष सुरेश रोशन रोशन स्थानीय समस्याओं की ओर ध्यान आकृष्ट कराया। इस दौरान गौशाला के स्थापना काल से अब तक के महत्वपूर्ण मुद्दों पर समिति के सचिव शिव कुमार केजरीवाल ने विवरण प्रस्तुत किया। मौके पर मटिहानी के विधायक राजकुमार सिंह, बछवाड़ा विधायक सुरेन्द्र मेहता, पूर्व विधान पार्षद रजनीश कुमार, राज्यपाल के उच्च शिक्षा सलाहकार चंदन अग्रवाल, बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष राकेश तिवारी, सांसद प्रतिनिधि अमरेंद्र कुमार अमर समेत प्रमुख समाजिक तथा राजनीतिक कार्यकर्ता एवं शिक्षाविद उपस्थित थे।

पहली बार राज्यपाल के आगमन को लेकर हेलीपैड से लेकर कार्यक्रम स्थल तक लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। बड़ी संख्या में लोग राज्यपाल को देखना एवं सुनना चाह रहे थे, लेकिन कोरोना प्रोटोकॉल के तहत सीमित संख्या में लोगों को कार्यक्रम स्थल पर आने दिया गया। जिसके कारण आस-पड़ोस के हजारों लोग लोगों ने सड़क किनारे खड़े होकर राज्यपाल का अभिवादन किया।