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G20-Summit-2019:भारत-जापान के मजबूत सम्बन्ध नए इंडिया को आगे ले जायेंगे

दुनिया जागरण|

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जापान में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि ‘नए भारत’ में दोनों देशों के संबंध और मजबूत होंगे। उन्होंने कहा कि भारत-जापान के बीच संबंध कार बनाने में सहयोग से लेकर अब बुलेट ट्रेन के निर्माण (परियोजना) तक मजबूत हो रहे हैं। साथ ही यहां रह रहे भारतीयों को दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भागीदार बनने के लिए धन्यवाद भी दिया। कोबे में भारतीय समुदाय से मोदी ने कहा – ‘जब भारत का दुनिया के साथ संबंध की बात आती है तो जापान का इसमें एक अहम स्थान है। यह संबंध शताब्दियों पुरानी है। इसमें एक–दूसरे की संस्कृति और सभ्यता के प्रति सम्मान है।’

जापानी शहर ओसाका में शुक्रवार से शुरू हो रहे जी 20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने आए मोदी ने कहा- ‘करीब दो दशक पहले प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री योशिरो मोरी ने हमारे संबंधों को एक वैश्विक साझेदारी का रूप दिया था। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मुझे इस संबंध को मेरे प्रिय मित्र शिंजो आबे के साथ आगे ब़़ढाने का मौका मिला। यह संबंध नए भारत में मजबूत होगा।’

मोदी ने कही ये बड़ी बातें 
भारत अगले पांच वर्ष में पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखता है। इस लिहाज से दोनों देशों के संबंध और मजबूत होंगे। एक समय था, जब हम कार निर्माण में सहयोग कर रहे थे और आज हम बुलेट ट्रेन के निर्माण में सहयोग कर रहे हैं। दुनिया आज भारत को संभावनाओं के ‘गेटवे’ के तौर पर देखती है।

 

1971 के बाद देश ने पहली बार एक सरकार को प्रो-इन्कम्बैंसी जनादेश दिया है। 61 करो़ड़ लोगों ने भीषण गर्मी में वोट दिया।

गांधीजी के ‘बंदरों’ का जन्मदाता है जापान
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे बोलचाल के भी कुछ सूत्र हैं, जो हमें जोड़ते हैं.. जिसे भारत में ‘ध्यान’ कहा जाता है, उसे जापान में ‘जेन’ कहा जाता है और जिसे भारत में ‘सेवा’ कहा जाता है, उसे जापान में भी ‘सेवा’ कहा जाता है।

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की एक सीख ‘बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो’ हम बचपन से सुनते आ रहे हैं, लेकिन बहुत कम लोगों को यह पता है कि जिन तीन बंदरों को इस संदेश के लिए बापू ने चुना उनका जन्मदाता 70वीं सदी का जापान है।

लगे जय श्री राम के नारे
पीएम के इस संबोधन के बाद जय श्री राम के नारे भी लगे। मोदी ने जापान में बसे भारतीय समुदाय के लोगों से कहा कि आप यहां बैठकर भी हमारे काम का ज्यादा अच्छा आकलन करते हैं। उन्होंने अपनी जीत में प्रवासी भारतीयों के योगदान के लिए भी धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मानवता के इतिहास में इससे बड़ा लोकतांत्रिक चुनाव नहीं हुआ है। भविष्य में भी इस रिकॉर्ड को कोई तोड़ेगा तो वह भारत ही है। भारतीय होने के नाते तो हम सभी को इस पर गर्व है ही। पूरे विश्व को भी यह प्रेरित करने वाला है।

आबे से भगोड़े आर्थिक अपराधियों और आपदा प्रबंधन पर चर्चा 
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने जापानी समकक्ष शिंजो आबे से वैश्विक अर्थव्यवस्था, भगोड़े आर्थिक अपराधियों और आपदा प्रबंधन जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की। बाद में मीडिया को संबोधित करते हुए विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि आबे ने भगोड़े आर्थिक अपराधियों के मुद्दे पर पिछले जी 20 सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की पहलों का भी जिक्र किया और कहा कि जी 20 को भ्रष्टाचार विरोधी उपायों के तहत इस समस्या से निपटना चाहिए।

सम्राट नारहितो के राज्याभिषेक में शिरकत करेंगे राष्ट्रपति कोविंद 
प्रधानमंत्री ने घोषणा की अक्टूबर में होने वाले सम्राट नारहितो के राज्याभिषषेक कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शिरकत करेंगे। रीवा युग में दोनों नेताओं की पहली मुलाकात जापान में रीवा युग की शुरआत और मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात है। प्रधानमंत्री ने आबे और जापान के नागरिकों को रीवा युग की शुरआत के लिए बधाई दी। एक मई को नए सम्राट नारहितो के पद संभालने के साथ ही जापान में रीवा युग की शुरआत हो गई।

क्या है रीवा युग 
जापान में सम्राट के बदलने के साथ ही युग बदल जाता है। रीवा नए युग के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है। यह दो अक्षरों ‘री’ और ‘वा’ से मिलकर बना है, जिसमें री का अर्थ है ‘आदेश’ या ‘शुभ’ अथवा ‘अच्छा’ और वा का अर्थ होता है ‘भाईचारा’। जापानी भाषषा में इस शब्द का इस्तेमाल ‘शांति’ के लिए भी किया जाता है।

डोनाल्ड ट्रंप ओसाका के लिए रवाना

जी-20 सम्मेलन में हिस्सा लेने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी ओसाका के लिए रवाना हो गए हैं। इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी से मुलाकात को लेकर एक ट्वीट किया। ट्रंप ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री मोदी के साथ बात करने के लिए उत्सुक हूं। उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका पर बहुत अधिक शुल्क लगा रहा है, अभी हाल ही में शुल्क में और वृद्धि की गई है। यह अस्वीकार्य है और शुल्क को वापस लेना चाहिए।

ट्रेड वार चिंता का विषय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छठी बार इस सम्‍मेलन का हिस्‍सा बने है। इस सम्‍मेलन में उठने वाले ट्रेड वार के मुद्दे को लेकर भारत चिंतित है। इस मुद्दे को भी उठाने वाला अमेरिका ही है। अमेरिका का चीन के साथ-साथ भारत से भी ट्रेड वार चल रहा है। अमेरिका चाहता है कि उसके यहां से आने वाले सामान पर किसी तरह का कोई कर न लगाया जाए।

क्यों खास है G-20 का मंच
बता दें कि वैश्विक मंच होने की वजह से यहां पर उठने वाले सभी मुद्दे खास अहमियत रखते हैं। अमेरिका के लिए यह मंच इसलिए बेहद खास है क्‍योंकि यहां से उठी आवाज सभी देशों के लिए होती है। यहां पर राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप जो कुछ कहेंगे वह दूसरे देशों के लिए भी स्‍पष्‍ट इशारा होगा और कुछ देशों के लिए चेतावनी भी होगी।

G-20 में ये देश हैं शामिल 
जी-20 सदस्यों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपियन यूनियन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, साउथ अफ्रीका, साउथ कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल है। जी-20 में दुनिया का 80 प्रतिशत व्यापार, दो-तिहाई जनसंख्या और दुनिया का करीब आधा हिस्सा शामिल है।

सोर्स:दैनिक जागरण