नगांव (असम)। असम में जब बरसात नहीं होती है तब लोग मेंढक-मेंढ़की की शादी कराते है। यह नजारा मध्य असम के नगांव जिले के पुरनीगोदाम के हाथीगांव में देखने को मिला।
बुधवार की रात लोग एक शादी समारोह में पहुंचे हुए थे। यह विवाह किसी इंसान का नहीं, बल्कि विवाह मेंढ़क और मेंढ़की की कराई गई। जहां पूरे नीति नियम से मेंढ़क को हल्दी लगाकर शादी की रश्म निभाई गई। मेंढक की शादी कराने की यह परंपरा असम में काफी पुरानी है।
ईश्वर की अजीब माया है, कि अभी असम के अधिकांश जिले बाढ़ की त्रास्दी को झेलकर किसी तरह से उबर पाए हैं। वहीं कई इलाके ऐसे हैं, जहां पर बरसात नहीं होने से किसान बेहद परेशान हैं। जिसके लिए किसान अब तंत्र-मंत्र का सहारा लेने को मजबूर हैं।
असम में कई इलाके हैं जहां पर बरसात नहीं होने पर लोग इंद्र देवता को खुश करने के लिए मेंढ़क-मेंढ़की की शादी कराते हैं, ताकि बरसात हो। हालांकि इस तरह की परंपरा देश के अन्य कई हिस्सों में भी देखी जाती है। लोगों का यह मानना है कि मेंढ़क की शादी कराने के बाद बरसात जरूर होती है।
आधुनिकता और विज्ञान के युग में भी मेंढ़क की शादी की अपनी पुरानी परंपरा पर लोगों को विश्वास है। कोई इसे अंधविश्वास कहता है, जबकि कुछ लोग इसे अपनी परंपरा मानते हैं। ऐसी मान्यता है कि मेंढ़क की शादी कराने से बरसात होती है।